कोरोना वायरस का खौफ बढ़ते ही जा रहा है। भारत में अभी तक इससे 10 लोगो की मौत हो चुकी है। इसी बीच मध्य प्रदेश में चल रही सियासी हलचल पर अब पूर्णविराम लग गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली। पिछले हफ्ते कांग्रेस के कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिए था। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सक्रिय हो गए हैं और उन्होंंने विधानसभा सत्र बुलाया है।
श्री @ChouhanShivraj ने मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राजभवन में @GovernorMP श्री लाल जी टंडन ने श्री चौहान को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। pic.twitter.com/cwxpcpop8V
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) March 23, 2020
नई सरकार के अस्तित्व में आने के बाद आज मंगलवार से विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस बीच सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने बीते आधी रात को स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया।
विधानसभा उपाध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने इसके लिए नैतिकता को आधार बनाया। सत्र के पहले ही दिन बीजेपी सरकार सदन में विश्वास मत पेश करेगी। यह सत्र 27 मार्च तक चलेगा। 4 दिन चलने वाले इस सत्र में कुल 3 बैठकें होंगी।
As a BJP worker, I'll work honestly for development of MP. But right now the aim is to stop spread of #COVID19. I've appealed to party workers to not celebrate the oath-taking ceremony¬ come out on streets. They should stay at home & pray for the newly formed govt: SS Chouhan https://t.co/8FhYqLMqXF pic.twitter.com/7esdGQhFWr
— ANI (@ANI) March 23, 2020
इस दौरान में वित्तीय वर्ष 2020-21 का लेखानुदान भी पेश किया जाएगा। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 16 मार्च को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 26 मार्च तक के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया था।
कल देर रात सोमवार को मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से सरकार बना ली। मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राजभवन की ओर से मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया गया था। शिवराज सिंह चौहान ने रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह पहली बार वह 29 नवंबर, 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने। 8 दिसंबर 2013 को उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था जिसमें 6 मंत्री भी शामिल थे। स्पीकर ने मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फ्लोर टेस्ट कराने की बजाए सदन को स्थगित कर दिया गया था। कमलनाथ सरकार ने इस्तीफा सौंप दिया।