केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ अब शिरोमणि अकाली दल बड़ा मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने ऐलान किया है कि वह कृषि अध्यादेशों के खिलाफ क्षेत्रीय दलों को इकट्ठा करके राष्ट्रीय मोर्चा बनाएंगे| पंजाब और हरियाणा में इन तीनों बिलों को लेकर किसान पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

शिरोमणि अकाली दल का बीजेपी के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया है। बिलों के कारण ही केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मीडिया को जानकारी देते हुए चंदूमाजरा ने कहा कि “किसानों के मुद्दे पर पार्टी के रुख के लिए कई क्षेत्रीय दलों के नेता शिरोमणि अकाली दल को शुभकामनाएं दे चुके हैं। इनमें फारूक अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, और शरद पवार जैसे नेता शामिल हैं। उनका कहना है कि एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने से बेहतर है कि हम किसानों के लिए एक मोर्चा तैयार करें”।

कृषि बिलों के खिलाफ सोमवार २८ सितम्बर को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भगत सिंह के जन्मदिन पर भगत सिंह नगर में धरना दिया था। यहां उन्होंने कहा कि “उनकी सरकार नए कृषि कानूनों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। सीएम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई किसानों के असंतोष का फायदा उठाते हुए समूचे राष्ट्र में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर सकती है। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि पंजाब के किसान और युवा हथियार उठाएं, लेकिन ये कानून सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे क्योंकि आईएसआई ऐसे अवसरों की तलाश में रहती है”।