महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा केस देखने को मिले। राज्य को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रदेश में कुछ स्थानों को खोलने की अनुमति मिल गई हैं। परंतु प्रदेश के धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया हैं। इसी को लेकर प्रदेश के सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य के गवर्नर को खत लिखा था। जिसे लेकर सीएम और गवर्नर में काफी नोकझोंक हुई। गवर्नर की इसी बात से नाराज एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने राज्यपाल पर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति होता तो इस पद पर बना नहीं रहता।
राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के गठबंधन की सरकार हैं। दरअसल एनसीपी अध्यक्ष ओसमानाबाद में बाढ़ से ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए गए थे। जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, अगर कोई आत्मसम्मान वाला व्यक्ति होता तो पद पर नहीं बना रहता। हम मांग करने वाले कौन होते हैं। शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए आगे कहा कि, ”केंद्रीय मंत्री के एक बयान पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जताने के बाद, कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति पद पर बने रहने या नहीं बने रहने का खुद फैसला लेगा”।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में कहा था कि, ”महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में पूजा स्थलों को फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में बेहतर शब्द चुन सकते थे”।