सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शाहीन बाग आंदोलनकारियों द्वारा बंद किए गए सडक मार्ग के खुलने की आज संभावना है। हो सकता है आज सुप्रीम कोर्ट इसपर कोई महत्वपूर्ण फैसला ले ले।
गौरतलब है कि शाहीन बाग के बंद रास्ते को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने तीन लोगों का पैनल गठित किया था। इस पैनल में वरिष्ठ साधना रामचंद्रन और संजय हेगडे के साथ ही पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हिजबुल्लाह आदि शामिल किए गए थे।
उक्त लोग वार्ताकार के रूप में शाहीन बाग आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे थे। जहां उन्होंने आंदोलनकारियों से बातचीत की थी। जिसमें मुख्य तौर पर दो गुट सामने आए हैं। जिनमें एक गुट रास्ता खोलने का पक्षधर है तो दुसरा इस बात पर अडा है कि जब तक सीएए वापिस नही होगा तब तक वह धरना खत्म नही करेंगे।
याद रहे कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगडे और साधना रामाचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया था।
इसके बाद पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया था कि शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग के चारो तरफ 5 रास्तों को बंद किया है, जिससे अन्य लोगों को समस्या हो रही है ।
कहा जा रहा है कि यदि पुलिस इन रास्तों को खोल दे तो ट्रैफिक सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल वैन और एम्बुलेंस को पुलिस द्वारा तलाशी के बाद जाने दिया जा रहा है । हलफ़नामे में कहा गया है कि सरकार को विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों से वार्ता करनी चाहिए ।
दरअसल, याचिका में कहा गया था कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है । जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है । याचिका में धरनों या विरोध प्रदर्शनों के कारण लगने वाले पूर्ण प्रतिबंधों के संबंध में व्यापक और संपूर्ण दिशानिर्देश तय करने की मांग की गई थी।
जिसके मद्देनजर आज सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है। वार्ताकार आज अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे। हालांकि रविवार के दिन भी वार्ताकारों को शाहीन बाग आंदोलन स्थल पर पहुंचना था । लेकिन वह वहा नहीं पहुंचे।