शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। उन्हें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था और उन्हें हाल ही में रिहा किया गया है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि वो दोबारा प्रशासनिक सेवा में वापसी कर सकते हैं।
न्यूज एजेंसी आईएनएस ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि प्रशासनिक सेवा में फैसल वापसी कर सकते हैं। फैसल को अधिकारियों ने अवगत कराया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। इसके अलावा फैसल के अपने ट्विटर हैंडल से राजनीतिक बायो भी हटा दिया है।
Former IAS officer turned politician, #ShahFaesal (@shahfaesal) is likely to join back administration after he was conveyed by authorities that his resignation has not still been accepted, top sources said.
Photo: IANS (File) pic.twitter.com/sV2aPVSc3M
— IANS (@ians_india) August 10, 2020
शाह फैसल ने अपने ट्विटर बायो पर रविवार शाम को लिखा, “एडवर्ड एस फेलो, एचकेएस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, मेडिको। फुलब्राइट। सेंटट्रिस्ट।” दरअसल, अब भी उनका नाम जम्मू-कश्मीर के आईएएस कैडर की सूची से नहीं हटाया गया है।
वहीं दूसरी तरफ एक चर्चा यह भी है कि वो अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जा सकते हैं। हालांकि, फैसल की तरफ से इस संबंध में अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। जेकेपीएम एग्जीक्युटिव कमिटी की ऑनलाइन बैठक सोमवार को हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि पार्टी से राजनीतिक जिम्मेदारियों से उन्हें किया जाए।
फैसल ने पार्टी को बताया कि राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने की स्थिति में वो अब नहीं हैं और संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। इसके बाद पार्टी की तरफ से बताया गया, ”फैसल की अपील को स्वीकार कर लिया गया है, ताकि वह अपने चुने हुए रास्ते पर बेहतर तरीके से बढ़ सकें।”
जेकेपीएम की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया कि नया अध्यक्ष चुने जाने तक उपाध्यक्ष फिरोज पीरजादा पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा कमिटी ने चेयरमेन और पूर्व विधायक जावेद मुस्तफा मीर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि शाह फैसल ने साल 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। उसके बाग फैसल को आईएएस का होम कैडर दिया गया था। लेकिन जनवरी 2019 में अचानक आईएएस की नौकरी छोड़कर उन्होंने सबको चौंका दिया था। उसके दो महीने बाद उन्होंने राजनीति में आने का ऐलान किया और पार्टी बनाई था।
पर पिछले साल राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक सप्ताह बाद अगस्त महीने में हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि, राजनीति में जाने के फैसले को लेकर उनके शुभचिंतकों ने तब कहा कि उन्हें राजनीति रास नहीं आएगी।