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दाढ़ी वाला रावण देख भड़के साधु-संत

हर साल दशहरा का त्यौहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। 9 दिन नवरात्रों की व्रत रखने और गरबा खेलने के बाद दसवें दिन रावण का दहन किया जाता है। रावण एक समय पर स्वाभिमानी बन गया हो लेकिन अभी भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां रावण के बलशाली, बुद्धिमान, द्रढनिश्चयी होने की मिसाल दी जाती हैं। रावण शब्द जैसे ही हमारे मस्तिष्क में आता है एक विशाल वैभव वाला शरीर उस पर बड़ी और अहंकारी स्वभाव से भरी मूंछें, और बादल  गरजने जैसी आवाज़ का द्रश्य बन जाता है। रावण का किरदार निभाने वाले सभी अभिनेता रावण के  द्रश्य को भली-भांति पूर्ण करते हैं। ताकि वे जो  किरदार निभा रहे दर्शकों को उसी रावण की ही छवि की तरह दिखे । लेकिन 12 जनवरी 2022 को रिलीज होने वाली फिल्म  ‘आदि पुरुष’  के टीजर आने के बाद इस मूवी की आलोचना होने लगी है।

2 अक्टूबर को अयोध्या के सरयू घाट पर फिल्म ‘आदि पुरुष’ का टीजर लॉन्च किया गया था। टीजर लॉन्च के बाद से ही मूवी के किरदारों को काफी ट्रोल किया जा रहा है। दर्शकों का कहना है कि ‘फिल्म में रावण का किरदार निभा रहे ‘सैफ अली खान’ रावण के किरदार के लिए सूटेबल नहीं हैं। सैफ अली खान न तो रावण जैसे दीखते हैं न ही उनकी बड़ी-बड़ी मूंछें दी गई हैं और न ही उनकी आवाज़ में गरज है। वह इस किरदार के बल्कि लायक ही नहीं हैं।’ दूसरी तरफ हनुमान का किरदार निभा रहे ‘देवदत्ता नागे’ को भी हनुमान के किरदार को लेकर योग्य नहीं बताया जा रहा है। इतना ही नहीं फिल्म में सैफ अली खान को रावण के रूप में देखकर कुछ लोगों के द्वारा उनका मजाक उड़ा रहा है,  तो कुछ व्यक्ति उन्हें खिलजी बता रहा है, तो कोई उन्हें तैमूर कह रहा है।

फिल्म में हनुमान के गेटअप को लेकर भी संत समाज ने आपत्ति जताई है। संत समाज का कहना है कि हनुमान चालीसा में लिखा है, ”कानन कुंडल कुंचित केसा”। लेकिन टीजर में दिख रहे हनुमान के कानों में कुंडल तक नहीं हैं। हिन्दू धर्म की संस्कृति के साथ बार-बार खिलवाड़ किया जाता रहा है जो अब बर्दश्त नहीं किया जायेगा।’

 

महासभा से लेकर साधु-संतों ने भी किया विरोध

हिंदू महासभा से लेकर यूपी के साधु-संतों ने इस फिल्म के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश के  डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी इसे संस्कृति पर हमला बताते हुए कहा कि किसी को भी सनातन धर्म से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर हमला करने या बदलाव करने की इजाजत नहीं है। ‘यह हिंदू संस्कृति पर हमला है। मैं इनकी निंदा करता हूं। इस गेटअप को बदला जाना चाहिए। रावण अत्याचारी था। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने उसका वध किया था। ये ऐतिहासिक फैक्ट है। हम किसी को भी अपनी संस्कृति से छेड़-छाड़ करने का अधिकार नहीं देते। सब लोग समझते हैं कि कोई रिएक्ट नहीं करेगा। लेकिन अब हम लोग सतर्क हैं। हमारा संत समाज सतर्क है। इस प्रकार की जो कुत्सित मानसिकता के लोग हैं। उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।’

रावण का किरदार निभा चुके कई कलाकार

 

अरविंद त्रिवेदी के अलावा स्क्रीन पर कई अन्य कलाकारों ने भी रावण का किरदार निभाया है, जिनमें अखिलेंद्र मिश्रा, आर्य बब्बर, नरेंद्र झा, कार्तिक जयाराम, पारस छाबड़ा, तरुण खन्ना जैसे कलाकार शामिल हैं। इन सभी कलाकारों में जो एक बात कॉमन थी, वो ये कि इन सभी की रौबदार मूंछें थी, जिनपर जब तांव दिया जाता तो रावण की छवि और भी दमदार नजर आती थी परन्तु आदिपुरुष वाला रावण तो कोई सामान्य सा नजर आता है। क्योंकि आदिपुरुष वाले रावण की न तो रौबदार मूंछें हैं, न ही उसकी गरज से भरी आवाज और न ही उसके माथे पर तिलक है एक बड़ा सा रौब ज़माने वाला तिलक जो कि दर्शाता था कि वह भगवान शिव का कितना बड़ा भक्त था, लेकिन आदिपुरुष वाला रावण तो यहां काफी कमजोर मालूम पड़ता है। रावण को महापंडित कहा जाता था, लेकिन ये आदि पुरुष का कैसा महापंडित होगा, जिसके माथे पर तिलक ही नहीं है और न ही उसकी रौबीली आवाज है। इतना ही नहीं रावण का ‘त्रिपुंड’ (माथे पर भस्म या चंदन से बनी तीन रेखाओं को त्रिपुंड कहा जाता है) वह भी गायब है।

अभी तो सिर्फ टीजर रिलीज हुआ है, तब लोग सैफ के रूप में इस रावण को झेल नहीं पा रहे हैं। सोचिए, जब फिल्म रिलीज होगी तो लगभग तीन घंटे तक फिल्म को कैसे बर्दाश्त किया जाएगा. हालांकि, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि फिल्म की कहानी क्या होगा, ये बहुत मायने रखता है। हो सकता है कि फिल्म की कहानी कुछ और हो, जो टीजर में खुलकर जाहिर नहीं की गई है। इसके लिए फिल्म के ट्रेलर और फिल्म के रिलीज होने का इंतजार करना चाहिए।

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