एक तरफ देश के पांच राज्यों में चुनावी मौसम की बयार बह रही है। ऐसे समय में बरसाती मेंढक कहें जाने वाले नेता भी बिलों से बाहर आकर टर्र – टर्र कर रहे हैं। पांच राज्यों में अधिकतर नेता विधानसभा चुनाव के टिकट मांग रहे हैं। इसी के साथ ही वह शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय पार्टियां पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर तरह की रणनीति अपना रही है। एक तरफ देश में तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। इसके बावजूद भी नेता मतदाताओं के द्वारे – द्वारे दस्तक दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी राष्ट्रीय पार्टियों के नेता चुनावी रणनीति को लेकर सक्रिय हैं।
इसी के साथ देश के गृहमंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गैर भाजपाई राज्यों में पार्टी का परचम फहराने के लिए स्थानीय व नगरीय निकाय के चुनावों में सक्रिय हैं। जबकि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड में विजय संकल्प रथ यात्रा में देवभूमि के भ्रमण पर हैं। जबकि ऐसे में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का इस समय विदेशी यात्रा पर जाना चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष इस मामले में खासी दिलचस्पी ले रहा है। विपक्ष की नजर में राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर राहुल गांधी का बार-बार अनुपस्थित रहना उनकी अगंभीर छवि पर और गहरा रंग चढ़ाता जा रहा है।
कांग्रेस के स्थापना दिवस से एक दिन पहले ही राहुल गांधी विदेश यात्रा पर निकल गए थे। चर्चा का विषय इस बात को लेकर भी है कि उन्हें पंजाब के मोगा में एक रैली भी करनी थी। यह रैली गत 3 जनवरी की थी। लेकिन उस समय उनके विदेश में होने की वजह से रैली रद्द करनी पड़ी। हालांकि आगामी सोलह जनवरी को गोवा में भी राहुल गांधी की एक रैली है। जिसमें कहा जा रहा है कि वह शामिल हो सकते हैं। इसके चलते ही कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी 15 जनवरी को राहुल गांधी की विदेश से वापसी हो सकती है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की यात्रा की ज्यादा जानकारी देने में उनकी पार्टी के नेता बच रहें है। एक रणदीप सुरजेवाला को छोड़कर कोई भी नेता उनकी विदेश यात्रा पर मुंह नहीं खोल रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राहुल गांधी की विदेश यात्रा को निजी बताया है और कहा है कि विपक्ष इसको लेकर अफवाह ना फैलाएं। यह पहली बार नही है जब राहुल गांधी अचानक विदेश यात्रा पर निकल गए हो, बल्कि इससे पहले भी वह कई बार चुनावी समय और ‘पोलिटिकली बिजी शैड्यूल’ के अवसरों पर विदेशी भ्रमण पर चले गए थे।
2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राहुल अचानक छुट्टियां मनाने चले गए थे। इस बीच एक खुली जीप पर घूमते हुए राहुल की फोटो वायरल हुई थी। तब बताया गया था यह रणथंभौर के नेशनल पार्क की है। इसके बाद वर्ष 2015 में असम चुनाव के बीच में राहुल गांधी फ्रांस चले गए थे। 2015 के फरवरी माह में वह देश से बाहर चले गए थे। तब वह 57 दिन बाद दिल्ली लौटे थे। तब कहा गया कि वह बैंकाक, म्यामांर घूमने गए थे। इसको राहुल गांधी ने आध्यात्मिक यात्र बताया था। तब इसकी काफी चर्चा रही। यही नहीं बल्कि विपक्ष ने इस मुद्दे को खूब उछाला था।
वर्ष 2019 के अक्टूबर में राहुल अचानक विदेश यात्रा पर रवाना हो गए थे। तब कांग्रेस अर्थव्यवस्था को लेकर पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलित कर रही थी। तब उनकी इस विदेश यात्रा से पार्टी के भीतर भी विरोध के स्वर उठने लगे थे। 2019 दिसंबर को राहुल ने दक्षिण कोरिया का दौरा ऐसे समय में किया था जब देश में सीएए को लेकर कानून पारित हो रहा था।
2020 के शुरूआती दौर में वे नेपाल चले गए। इस दौरान मानसून सत्र चल रहा था। इसी दौरान कृषि बिल पास हुआ था। 2020 के दिसंबर माह में जब किसान आंदोलन चरम पर था और कांग्रेस इसके समर्थन में थी तब ऐसे में वह विदेश दौरे पर चले गए। इसी दौरान कांग्रेस का स्थापना दिवस आया। जिसमें वे नदारद रहे। इस बार भी वह अपनी पार्टी के स्थापना दिवस से एक दिन पहले विदेशी यात्रा पर निकल गए।