इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए नेताओं, पत्रकारों, कानूनविदों की जासूसी के मामले में कांग्रेस विपक्ष को गोलबंद करने में सफल रही है। नतीजा यह है कि सरकार और विपक्ष के बीच टकराव पैदा हो गया है। संसद के मानसून सत्र में लगातार हंगामा हो रहा है
कोरोनाकाल के बीच चल रहे मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में हर दिन हंगामा हो रहा है। पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा जारी है। पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा है। यहां तक कि सदन में नारेबाजी के साथ पर्चे भी उड़ाए जा रहे हैं। विपक्ष के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं। वह लगातार सरकार पर हमला कर रहा है।
इस बीच कांग्रेस समेत अन्य 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने पेगासस, कोरोना संकट और किसान आंदोलन को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की। राहुल गांधी ने पेगासस मुद्दे पर लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया। विपक्षी दलों की बैठक में राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि पेगासस जासूसी कांड को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर बहस होगी और सरकार को जवाब देना होगा। मानसून सत्र में विपक्ष पेगासस समेत कई मुद्दों पर बहस कराने पर अड़ा हुआ है। सरकार को घेरने को लेकर अब विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन में विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी, शिवसेना, आरजेडी और अन्य दल शामिल रहे।
इसके बाद विपक्षी नेताओं ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार सिर्फ और सिर्फ जुमलों के जरिए काम कर रही है। जमीन पर कुछ नहीं दिखाई देता। कोरोना की दूसरी लहर में हजारों लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हो गई, सरकार की तरफ से बयान आता है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई। टीवी पर चलने वाली तस्वीरें, ट्विटर क्या यह सब झूठ बोल रहे थे। गौरतलब है कि पेगासस मामलों को लेकर बीते कुछ दिनों से संसद का मानसून सत्र प्रभावित हो रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं। यहां तक कि लोकसभा में विपक्ष ने पर्चें फाड़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान ‘खेला होबे’ के नारे भी लगे। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए पहले राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया, फिर लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।
इधर, सदन में हो रहे हंगामे को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से अपना घर संभल ही नहीं रहा है। आज भी अधिकांश विपक्ष के लोग चाहते हैं कि संसद चले, वाद-विवाद और चर्चा हो, लेकिन कांग्रेस अपने नकारात्मक फैसलों को विपक्ष पर थोपकर सदन को बाधित कर रही है। वो विपक्ष की अन्य पार्टियों की सकारात्मक सोच को भी बंधक बनाना चाहती है।
विपक्ष की बैठक में ये 14 दल हुए शामिल
बीते हफ्ते सदन के बाहर एक जैसी विचारधारा वाले 14 विपक्षी दलों ने एक अहम बैठक की और सरकार को घेरने की योजना बनाई। बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस जासूसी मामला, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, ‘द्रविड़ मुनेत्र कडगम’, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, राष्ट्रीय समाज पार्टी, केरल कांग्रेस (एम), विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची और एसएस पार्टी के नेता शामिल थे।
चर्चा से क्यों भाग रहा विपक्ष: अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष के हंगामे पर कहा है कि कांग्रेस और तृणमूल सांसदों ने संसद का कामकाज रोकने की कोशिश की है। वे अपना विरोध जता सकते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होती है। उन्होंने स्पीकर पर, मंत्रियों पर और मीडिया गैलेरी में भी पर्चे उछाले हैं। ठाकुर ने सवाल किया है कि आखिर विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है?
किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग को लेकर संसद परिसर में किसानों के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने पार्टी के कई सांसदों के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल से भी एक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें राहुल समेत कांग्रेस के अन्य नेता प्रदर्शन करते दिख रहे हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा ‘वे असत्य, अन्याय, अहंकार पर अड़े हैं, हम सत्याग्रही, निर्भय, एकजुट यहां खड़े हैं। जय किसान!’ आपको बता दें, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं के पास विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच किसान जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करने पहुंच गए हैं। किसान समूहों ने पहले कहा था कि वे मानसून सत्र के अंत तक हर दिन ‘किसान संसद’ आयोजित करेंगे, और 200 प्रदर्शनकारी रोजाना जंतर-मंतर पर जाएंगे। डीडीएमए की मंजूरी के अनुसार, किसानों को जंतर-मंतर पर 22 जुलाई से 9 अगस्त तक अधिकतम 200 लोगों की उपस्थिति के साथ धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। डीडीएमए के आदेश के बाद, दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर और दिल्ली की तीन सीमाओं-टिकरी, सिंघू और गाजीपुर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
पेगासस कांड के लिए ममता बनर्जी ने बनाया पैनल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री 25 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दौरे पर हैं। दिल्ली आने से ठीक पहले ममता बनर्जी ने एक जांच आयोग की घोषणा करके केंद्र की भाजपा सरकार को चुनौती दी है, जो राज्य में विभिन्न वक्तियों के मोबाइल फोन की अवैध हैकिंग और निगरानी के व्यापक रूप से रिपोर्ट किये गए मुद्दों पर गौर करेगा। इसके लिए विशेष कैबिनेट में दो सदस्यीय आयोग के गठन को मंजूरी भी दी गई है।
इस अवसर पर ममता ने कहा, मंत्रिमंडल ने भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य के साथ जांच आयोग की नियुक्ति को मंजूरी दी है। बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विभिन्न व्यक्तियों के मोबाइल फोन की व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई अवैध हैकिंग, निगरानी, ट्रैकिंग रिकॉर्डिंग आदि के मामले में जांच अधिनियम 1952 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, जजों से लेकर पत्रकारों तक, राजनेताओं से लेकर नौकरशाहों तक, पुलिस और हर कोई अब पेगासस की निगरानी में है। संसद का सत्र चल रहा है और मैंने सोचा था कि केंद्र सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन में इस मामले की जांच कराएगा, लेकिन मुझे लगा, केंद्र को तो इस पूरे मुद्दे की कोई चिंता ही नहीं है। इसलिए पश्चिम बंगाल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने जांच आयोग का गठन किया है, जो पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करेगा।
आयोग के दो सदस्यों से जल्द से जल्द अपनी जिम्मेदारी लेने और जांच शुरू करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा अगर कोई सो रहा है तो उसे जगाने की पहल करनी होगी। राजनीतिक विशेषज्ञों की राय है कि दिल्ली जाने से ठीक पहले का यह कदम जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी और विपक्ष के प्रमुख नेताओं से मिलने की संभावना भी महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पेगासस मामला
इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी की बात सामने आने के बाद से जमकर हंगामा हो रहा है। वहीं अब पेगासस मामले की एसआईटी जांच की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा भी एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने इस्राइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की कथित जासूसी के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके अलावा देश के दो वरिष्ठ पत्रकारों ‘द हिंदू’ के पूर्व संपादक एन राम और एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म के चेयरमैन शशि कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत से पेगासस स्पाइवेयर मामले की जांच करने का आदेश देने की मांग की है।