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सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं और मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि इन अफवाहों को भाजपा के कई नेताओं के बल देने से कांग्रेस में खलबली मची हुई है।
कल  सिक्किम में अचानक से भारी राजनितिक उलट-पलट हुई । सिक्किम के पूर्व सीएम को छोड़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के लगभग सभी विद्यायक कल  बीजेपी में शामिल हो गए है। इस सियासी उठापटक के बाद अब मध्यप्रदेश को लेकर सोशल मीडिया और बीजेपी के अंदरखाने में कांग्रेसी दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सुगबुगाहट है कि मध्यप्रदेश में सिंधिया कमलनाथ की कांग्रेस सरकार को सेंध लगा सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो  भाजपा के दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं की सिंधिया से मुलाकात हो चुकी है। बीजेपी आने वाले दिनों में कांग्रेस के नहले पर सिंधिया रूपी दहला कार्ड चल सकती है।

बताया जाता है कि सिंधिया एमपी में सीएम  पद ना मिलने से कांग्रेस से नाराज है। ज्योतिरादित्य की नाराजगी को देख बीजेपी के दो राष्ट्रीय नेताओं की उनसे मुलाकात की खबरें भी चल रही है। हाल ही में उन्होंनेअनुछेद 370 को लेकर मोदी सरकार का समर्थन भी किया है।सिंधिया ने अनुछेद 370 हटाए जाने पर केंद्र सरकार का समर्थन करते हए कहा था कि ”जम्मू -कश्मीर और लद्दाख को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता ,साथ ही कोई प्रश्न भी नहीं होता  लेकिन ये फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं।”सिंधिया के समर्थन के बाद भाजपा नेताओं ने सिंधिया को लेकर बयान दिया था। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि ”सिंधिया भाजपा परिवार के ही सदस्य हैं और उन्होंने अनुछेद 370 का समर्थन करके ये साबित किया है कि वो राजमाता विजयाराजे सिंधिया के पौत्र हैं।” मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा था कि” सिंधिया कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आ जाएं हम उनका स्वागत करेंगे।”

इससे भाजपा की एमपी यूनिट से लेकर हाईकमान तक काफी उत्साहित है और उन्हें एमपी में सिंधिया रूपी हीरा दिखाई दे रहा है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद सिंधिया को  सीएम बनाये जाने की पूरी संभावना थी। परंतु तब भी उनका नाम इस लिस्ट से गायब कर दिया गया था और कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।उसके बाद लोकसभा में  मिली हार और लगातार उपेक्षा से सिंधिया नाराज बताये जा रहे है। हाल ही में भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया और प्रभात झा ने भी उन्हें बीजेपी ज्वाइन करने का ऑफर दिया है।
सोशल मीडिया में चल रही  ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पंकज चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के थे और हमेशा कांग्रेस में रहेंगे। उनका भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
 एमपी में सिंधिया के तीन दर्जन से ज्यादा विधायक है। अगर सिंधिया बीजेपी में जाते है तो सभी विधायक भी पाला बदल सकते है ।ऐसे में  मध्यप्रदेश की  कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं।

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