11 होगी सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एडिटर्स गिल्ड द्वारा दायर याचिका पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा और मामले में सुनवाई की तारीख 11 सितंबर तय की। इससे पहले, शीर्ष अदालत खुद ही याचिका पर आज सुनवाई करने के लिए सहमत हुई।
चार सितंबर को कराया था केस दर्ज
गौरतलब है कि हाल ही में एडिटर्स गिल्ड द्वारा दावा किया गया था कि मणिपुर की जातीय हिंसा पर एक पक्षीय मीडिया रिपोर्टिंग की गई है। साथ ही आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री ने पक्षपात किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर पक्षपात करने का भी आरोप । एडिटर्स गिल्ड के जिन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर का नाम शामिल है। सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर ने बीते हफ्ते मणिपुर का दौरा कर यहां हुई मीडिया रिपोर्टिंग का अध्ययन किया था।
एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों की रिपोर्ट को मणिपुर सरकार ने फर्जी और स्पॉन्सर बताया है। एफआईआर में बताया गया है कि रिपोर्ट में गलत तथ्य बताए गए हैं। जुलाई में भी मणिपुर सरकार ने तीन महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन महिलाओं की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने भी राज्य में जारी हिंसा को सरकार द्वारा स्पॉन्सर बताया था।
सीएम ने क्या कहा
इस मामले पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि ‘एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को चेतावनी भी दी गई थी कि अगर वह कुछ करना चाहते हैं तो पहले हिंसाग्रस्त जगहों का दौरा करें और जमीनी हकीकत को देखें । सभी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात करें और उसके बाद कोई रिपोर्ट बनाएं। सिर्फ कुछ वर्ग के लोगों से मिलकर किसी परिणाम पर पहुंचना निंदनीय है। राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जो राज्य में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।