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सुप्रीम कोर्ट ने मांगी बुजुर्गों के लिये चलाई जा रही योजनाओं की रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से बुजुर्गों के लिए चलाई जाने वाली पेंशन, प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम और बुजुर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसके द्वारा उन्होंने देश भर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ वृद्धाश्रम स्थापित करने की मांग की थी। मांग करते हुए उन्होंने कहा था कि देश में बड़ी संख्या में वृद्ध लोग बढ़ रहे हैं, इनमें से अधिकांश गरीबी में जी रहे हैं। जिनके पास ना तो रहने घर है न ही कपडे। इतना ही नहीं उन्हें उचित भोजन भी नहीं मिलता है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि बुजुर्गों के लिए पेंशन, प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम और वृद्धावस्था देखभाल के स्तर के संबंध में बुजुर्गों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों की रिपोर्ट में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति की भी जानकारी दी जाए। साथ ही यह भी कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन तीन प्रमुख बिंदुओं पर अपनी मौजूदा योजनाओं की जानकारी भारत सरकार के एडवोकेट-ऑन-रिकार्ड को सौंपेंगे। सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दो माह में जानकारी एकत्र करने के बाद केंद्र सरकार एक माह के भीतर संशोधित स्थिति की रिपोर्ट सौंपेगी।

इससे होने वाले लाभ की जानकारी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा “राज्य सरकारों की रिपोर्ट में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति पर विवरण देना चाहिए। राज्यों की संशोधित रिपोर्ट में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम लागू किए जाने के संबंध में मौजूदा हालात का भी खुलासा होगा।”

 

स्वास्थ्य और बेहतरी में बुजुर्गों की स्थिति

 

हाल ही में आई बुजुर्गों की स्थिति को प्रदर्शित करती हेल्प एज इंडिया ने ‘ब्रिज द गैप -अंडरस्टैंडिंग एल्डर नीड्स’ नाम की एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार स्वास्थ्य और बेहतरी के क्षेत्र में 78 फीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्हें अच्छा खाना मिलता है और और 52 फीसदी ऐसे हैं जिनको स्वस्थ रखने में परिवार वाले कमी नहीं करते। 87 प्रतिशत बुजुर्गों ने बताया के उन्हे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं और लगभग 52 फीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं जो आर्थिक कारण या अन्य कारणों से स्वाथ्य संबंधी जांच नहीं करवा पाते। रिपोर्ट के अनुसार 26 फीसदी बुजुर्ग उच्च रक्तचाप से, लगभग 23 फीसदी डायबिटीज और 17 फ़ीसदी लोग सांस की परेशानी से ग्रसित हैं। हेल्थ इंश्योरेंस एक एसी सुविधा है जिसमें किसी आपातकालीन बीमारी आदि में आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त की जा सकती है। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार ये पता चलता है की 67 फीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं जिनका कोई हेल्थ इंश्योरेंस नही है केवल 49 फीसदी बुजुर्गों ने ही हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है और उनके पास बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हैं। वहीं 48 फ़ीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं जो स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने के बात करते हैं।

 

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