वर्षों से लंबित भारत-नेपाल अमलेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना अब जाकर पूरी हुई है। अब बिहार के मोतिहारी से पाइपलाइन के जरिए पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति की जाएगी। भारत-नेपाल के बीच बनी मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन परियोजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के उनके समकक्ष केपी शर्मा ओली ने कल 10 सितंबर मंगलवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उद्घाटन किया।
इससे पहले अमलेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना का प्रस्ताव सबसे पहले 1996 में आया था,लेकिन राजनीतिक कारणों से यह टलता गया। वर्ष 2014 में जब केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार बनने के बाद जब पीएम मोदी काठमांडू दौरे पर गए तब जाकर इस परियोजना को रफ़्तार मिली। दोनों देशों की सहमति के बाद अगस्त 2015 में इस परियोजना पर काम शुरु हुआ, लेकिन 2015 में नेपाल में आए भीषणकारी भूकंप के बाद इसे रोकना पड़ा था।
यह दक्षिण एशिया में दो पड़ोसी देशों के बीच सीमा के आर-पार बनी पहली पाइपलाइन परियोजना है।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह तेल पाइपलाइन परियोजना रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है। यह अनुमानित लक्ष्य से आधे समय में बनकर तैयार हो गई। इसका श्रेय दोनों देशों को जाता है। उन्होंने कहा कि मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन के जरिए पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति से लागत में कमी आएगी। इसका सीधा फायदा नेपाल के लोगों को मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल के साथ विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को और व्यापक बनाया जाएगा। पिछले पांच वर्षों में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय परियोजनाओं को अंजाम दिया है। कुछ अन्य परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है, जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा। कुछ वर्षों में भारत-नेपाल के बीच राजनीतिक स्तर पर भी नजदीकी आई है। 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने वहां पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाई ।
इस अवसर पर केपी शर्मा ओली ने इस पाइपलाइन परियोजना के निर्माण के लिए भारत का आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा नारा भी ‘समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाल’ है। ये नारे दोनों देशों में विकास के जरिए बदलाव के प्रयासों को दर्शाते हैं। ओली ने मोदी को नेपाल आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया।