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दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP के प्रदर्शन पर RSS की पत्रिका ने उठाए कई सवाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP के प्रदर्शन पर RSS की पत्रिका ने उठाए कई सवाल

विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत हुई। भाजपा 70 सीटों में मात्र 8 सीट ही अपने नाम कर सकी। भाजपा की करारी हार के बाद आरएसएस की पत्रिका ने पार्टी नेताओं के प्रदर्शन पर सवाल उठाया है। ‘ऑर्गेनाइजर’ पत्रिका में एक लेख छपा है। यह लेख रतन शरद ने लिखा है। लेख में पत्रिका ने भाजपा के हार के कारण को बताया है। साथ ही कई सवाल भई उठाए हैं।

लेख में बताया गया है कि दिल्ली एक छोटा-सा शहर है। भाजपा को चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली में एक चेहरा उतारना चाहिए था। स्थानीय मुद्दों को भी उठाना चाहिए था। इसके उलट विपक्ष के पास एक मजबूत वोट बैंक के साथ चुनाव में एक चेहरा भी था। उधर भाजपा अपने केंद्रीय नेतृत्व पर सवार होकर चुनाव जीतना चाहती थी, जो उसकी सबसे बड़ी कमी थी।

रतन शरद ने भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान शुरू करने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि बीजेपी ने चुनाव से कुछ दिन पहले ही प्रचार शुरू किया। जबकि केजरीवाल ने अपना चुनावी अभियान एक साल पहले ही लॉन्च कर दिया था। सीएए जैसे मुद्दे पर भाजपा को एक अभियान चलाने की जरूरत थी।

लेख में आगे कहा गया है कि ये साफ है कि राजधानी कि लोग आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग मुद्दों पर मतदान करते हैं। चुनाव परिणाम से एक बार फिर ऐसा साबित भी हुआ। साल 2014 के आम चुनाव में दिल्ली ने भाजपा को चुना जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में इसी दिल्ली ने आप को अधिक पसंद किया। दूसरे राज्यों का रुझान भी यही दिखाता है। सर्वे से पता चलता है कि दिल्ली की जनता सीएए का समर्थन करती है। लेकिन इसी जनता को विधानसभा चुनाव में आप पर अधिक भरोसा था। भाजपा समर्थक इससे समहत नहीं होगा, मगर सच्चाई यही है।

दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग रोड ब्लॉक मुद्दा विहीन निकला। भाजपा नेताओं के लिए यह आश्चर्य की बात हो सकती है। चुनाव प्रचार के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी अधिकतर रैलियों में शाहीन बाग का मुद्दा उठाया था। हालांकि, चुनाव परिणाम आने पर शाह ने खुद कहा कि इस चुनाव को लेकर उनका मूल्यांकन गलत निकला। शाह ने इसके अलावा अपनी पार्टी के उन नेताओं पर भी निशाना साधा, जिन्होंने चुनाव के दौरान कथित तौर पर उकसाने और महौल बिगाड़ने वाले बयान दिए थे।

रतन शरद का ये लेख सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लेखक के सवाल-जवाब जायज हैं। लेकिन आपको बता दें कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 6,577 मीटिंग की थी। दिल्ली के हर कोने में मीटिंग हुई थी। गृहमंत्री अमित शाह ने खुद 52 रोड शो किये थे। स्टार प्रचार के लिए 240 सांसदों को उतार दिया गया। अलग-अलग राज्यों से मुख्यमंत्री प्रचार के लिए आये थे। एनआरसी मुद्दे पर जोर दिया गया। मुस्लिम औरतों पर अभद्र टिप्पणी की गई। खुद अमित शाह ने अपने भाषणों में करीब 30 बार कहा कि ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबाएं की करंट शाहीनबाग तक पहुंचे।

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