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अमीरों के पास देश की 40 फीसदी से अधिक संपत्ति : ऑक्सफैम

दुनिया भर में अमीर और गरीब नागरिकों के बीच की खाई चौड़ी होती जा रही है। भारत में 21 अरबपतियों के पास देश के 70 करोड़ भारतीयों से ज्यादा संपत्ति है। ये खुलासा ऑक्सफैम की रिपोर्ट में किया गया है।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद नवंबर 2021 तक कई भारतीयों को रोजगार की समस्या का सामना करना पड़ा। कुछ ने अपनी नौकरी तक गंवा दी। कई ने अपनी सालों की बचत खो दी। लेकिन दूसरी तरफ पूंजीपतियों की दौलत दिन-ब-दिन बढ़ती गई। यह वृद्धि साधारण नहीं है, यह 121 प्रतिशत जितनी है। कोरोना महामारी के दौरान भारतीय पूंजीपतियों की संपत्ति प्रतिदिन 3 हजार 608 करोड़ रुपये बढ़ रही थी।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2021 में भारत की सिर्फ पांच फीसदी आबादी के पास देश की कुल संपत्ति का 62 फीसदी था। दूसरी ओर, भारत की 50% आबादी के पास देश की केवल 3% संपत्ति है। ‘सरवाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ शीर्षक से ऑक्सफैम की यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अरबपतियों की संख्या 2020 में 102 से बढ़कर 2022 में 166 हो गई है। रिपोर्ट अब स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पेश की जाएगी।

 

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भारत के 100 अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति 54.12 लाख करोड़ रुपये है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रकम भारत के कुल बजट से ज्यादा है और देश को 18 महीने तक चला सकती है। एक और बात यह है कि अगर इन अरबपतियों की कुल संपत्ति पर दो फीसदी टैक्स लगा दिया जाए तो देश में अगले तीन साल तक कुपोषण की समस्या का समाधान हो सकता है। इससे कुपोषित बच्चों के लिए योजना में 40 हजार 423 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।

रिपोर्ट ने पिछले दस वर्षों में भारत में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई पर भी चिंता व्यक्त की है। 2012 से 2021 के बीच भारत में बनी 40 फीसदी दौलत सिर्फ एक फीसदी के हाथ में गई है। जबकि बाकी 50 फीसदी लोगों के पास सिर्फ तीन फीसदी दौलत है।

ऑक्सफैम इंडिया ने इस अंतर को कम करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ विकल्प सुझाए हैं। उदाहरण के लिए ऑक्सफैम के सीईओ अमिताभ बहर ने मांग की है कि आगामी बजट में प्रगतिशील कर उपायों यानी वेल्थ टैक्स को लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “देश में गरीब लोग अमीरों की तुलना में अधिक नियमित रूप से टैक्स का भुगतान करते हैं, आवश्यक वस्तुओं पर खर्च करते हैं। अब समय आ गया है कि अमीरों से उचित टैक्स लिया जाए  बहेर ने कहा कि अगर वेल्थ टैक्स लगाया जाता है तो टैक्स बढ़ाकर इस अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।

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