कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार ने पार्टी के कुछ नेताओं पर परिवारवाद, भ्रष्टाचार और पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए, अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि कुमार ने राहुल गांधी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मैंने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरी मेहनत की, लेकिन मेरे प्रयास को कुछ लोगों ने अवरुद्ध करने का काम किया। तमाम अवरोधों के बावजूद और तथाकथित नेताओं के सहयोग के बिना इस बार के चुनाव में कांग्रेस के मत प्रतिशत में 2014 की तुलना में 12 फीसदी का उछाल आया।
अजय कुमार ने कुछ नेताओं पर अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाने की पैरवी करने का आरोप लगाया और दावा किया कि जब किसी नेता को अपनी सीट असुरक्षित होने का अहसास होता है तो वह पार्टी में तबाही मचाने लगता है। भारतीय पुलिस सेवा में रह चुके कुमार ने कहा, ‘मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि कांग्रेस अपनी मूल जड़ों की तरफ लौटे और वे मुद्दे उठाए जो जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
अजय कुमार ने यह दावा किया कि, हमारे यहां ऐसे नेताओं की एक लंबी सूची है जिनका एक मात्र उद्देश्य सत्ता हथियाना, टिकट बेचना या चुनाव के नाम पर धन इक्ट्ठा करना है। मैं आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि खराब से खराब अपराधी भी मेरे इन सहयोगियों से बेहतर दिखते हैं।
अजय कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय पर पार्टी कार्यालय में अपने ऊपर पर हमला करने वालों को प्रोत्साहित करने का आरोप भी लगाया। फिलहाल इस आरोप पर सहाय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने अपने त्यागपत्र की प्रति पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, एके एंटनी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी भेजी है। गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी में आपसी कलह की खबरें आ रही थीं।