चमोली जिले के तपोवन इलाके में अभी भी आपदा से प्रभावित लोगों का रेस्क्यू जारी है । इस दौरान एनटीपीसी की टनल में फंसे 35 मजदूरों को निकालने की तमाम कोशिशें की जा रही है ।लेकिन बावजूद इसके 35 मजदूरों तक रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पा रही है । क्योंकि बीच में मलबा अटा पड़ा है ।
एनटीपीसी की यह चैनल करीब 2 किलोमीटर लंबी है । जिसमें पूरी रात भर मलबा हटाने के बावजूद रेस्क्यू टीम को सिर्फ 130 मीटर मलबा हटाने में सफलता मिली । इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फिर से घटनास्थल पर पहुंचे । सोमवार को भी वह पूरी रात वहीं रुके थे तथा रेस्क्यू टीम को निर्देशित कर रहे थे ।
फिलहाल , आपदा प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ ,एनडीआरएफ, आइटीबीपी के अलावा आर्मी के 600 जवान चमोली जिले में भेजे जा चुके हैं । सभी जवान रेस्क्यू करके लोगों को अभी भी मौत की आगोश से बाहर निकालने की कोशिशों में जुटे हैं ।
इसी के साथ ही रेणी गांव के लापता लोगों की भी तलाश की जा रही है । बताया जा रहा है कि अभी भी 197 लोग लापता है । उधर 26 शव बरामद होने के साथ ही पांच मानव अंग भी मलबे में निकले हैं।
आइटीबीपी की अधिकारी अपर्णा कुमार के अनुसार अभी तक टनल में फंसे किसी भी मजदूर से उनका संपर्क नहीं हो पाया है ।पूरी रात टनल से मलबा हटाने के बावजूद उन्हें सिर्फ 130 मीटर मलबा हटाने में ही सफलता मिली है। जबकि एनटीपीसी की यह टनल 2 किलोमीटर लंबी है। जिसमें 35 मजदूर फंसे हुए हैं।
इस मामले में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि 7 फरवरी को हुई प्राकृतिक आपदा से हम बहुत हद तक निपट चुके हैं। लगभग 202 लापता लोगों में से लगातार लोग रिपोर्ट कर रहे हैं। तपोवन के छोटे टनल से रेस्क्यू कर 12 लोगों को सही सलामत बचाया गया है। दूसरे टनल के मलबे को निकाला जा रहा है। अब स्थिति सामान्य है।
उन्होंने कहा, बचाव और राहत अभियान जारी है, जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि तपोवन क्षेत्र में स्थित बड़ी सुरंग में बचाव और राहत अभियान चलाने में मुश्किल आ रही है क्योंकि सुरंग सीधी न होकर घुमावदार है।