[gtranslate]
Country

हरिद्वार में अवैध उगाही करने वाले फर्जी पत्रकारों की दो माह बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं?

हरिद्वार में अवैध उगाही करने वाले फर्जी पत्रकारों की दो माह बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं?

उत्तराखंड पुलिस मित्र पुलिस होने का दावा करती है। लेकिन वह अपने दावे पर खरा नहीं उतरती है । कहीं वह अपराधियों के लिए मित्र साबित होती है, तो कहीं आरोपियों को शह देती नजर आती है। मामला हरिद्वार का है। जहां पिछले 2 महीने से एक पीड़ित अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस के दर पर भटक रहा है। यह पीड़ित अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कभी एसएसपी ऑफिस तो कभी एसपी सिटी तो कभी कोतवाल ज्वालापुर के दरबार में दस्तक देता है। लेकिन कोई भी उसकी जनसुनवाई नहीं कर रहा है । आखिर क्यों?

बावजूद इसके कि पीड़ित ने 4 दिन पहले अपनी तहरीर एसएसपी ऑफिस के शिकायत प्रकोष्ठ में रिसीविंग भी करा दी है। इसी के साथ पीड़ित दावा करता है कि 2 महीने पूर्व भी वह इसी तरह पुलिस के समक्ष न्याय पाने की फरियाद लगा चुका है। लेकिन लॉकडाउन के चलते तब वह घर से बाहर नही निकल सका था।

पीड़ित के मुताबिक हरिद्वार में एक फर्जी पत्रकारों का गैंग है। जो पत्रकारिता के नाम पर अवैध उगाही करता है । इसी गैंग की ठगी का शिकार हुआ और मास्क बनाने के नाम पर उससे 2 लाख ठग लिए गए हैं। पुलिस का यह कैसा न्याय है कि एक तरफ राष्ट्रीय समाचार पत्र के पत्रकार अहसान अंसारी सहित चार अन्य लोगों को गिरफ्तार करने में 1 दिन की भी देरी नहीं लगाता है। यही नहीं बल्कि रात को 11 बजे कोतवाली ज्वालापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। जबकि दूसरी तरफ फर्जी पत्रकारों को पर पुलिस हाथ डालने से कतरा रही है। चर्चा है कि पुलिस इस गैंग को शह देती रही है। जिसकी बदौलत यह फर्जी पत्रकारों का गैंग हरिद्वार में कई लोगों को अपना ठगी का शिकार बना चुका है।

जबलपुर ईदगाह के सामने रहने वाले शाहनवाज खान उर्फ बिट्टू का मूल व्यवसाय बेकरी का है। जो काफी समय पुराना है। कोरोना वायरस के चलते शाहनवाज ने मास्क वितरित करने हेतु मास्क बनाने का कार्य शुरू कर दिया था। उसके पास वितरित करने हेतु मास्क का कच्चा माल बचा हुआ था। तब वह इस बात से बिल्कुल अनजान था कि यह कार्य विधि विरुद्ध है या हो सकता है।

19 मार्च 2020 को करीब डेढ बजे शाहनवाज की बेकरी पर अर्चना धींगरा जो खुद को किसी चैनल का पत्रकार बताती है उसके साथ नौशाद बैग व अमजद जिनमें एक अन्य महिला भी शामिल है आए। वह सभी कैमरा माइक से लैस थे। सभी के गलों में प्रेस से कार्ड पड़े हुए थे। उन्होंने आते ही अपने कैमरों से प्रार्थी के यहां बन रहे मास्को की वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। इस बाबत जब प्रार्थी ने पूछा कि यह क्या हो रहा है तो उन्होंने कहा कि हम सभी टीवी चैनल न्यूज़ 99 से है।

अर्चना धींगरा ने अपना प्रेस कार्ड दिखाते हुए कहा कि आप गैरकानूनी कार्य कर रहें हो। यह सुनते ही शहनवाज बहुत घबरा गया। महिला पत्रकार ने अपना परिचय देते हुए एसएसपी को फोन लगाया तो नौशाद जो इसी टीम का सदस्य था , टीम के साथ आया था। वह शहनवाज के ही मोहल्ले का निवासी है। उसने उक्त महिला अर्चना धींगरा से फोन काटने को कहा और मेरे इस प्रकरण में कोई कार्यवाही ना करने तथा अपने न्यूज़ चैनल पर मेरे यहां की वीडियो ना चलाने की बात कहते हुए 5 लाख रूपये की मांग करने लगा।

शहनवाज इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकता था और ना ही उसके पास इतनी बड़ी रकम थी । उसके बहुत गिड़गिड़ाने पर भी किसी को उसपर रहम नहीं आया । उस समय शहनवाज के पास 2 लाख रूपये थे जो उसने डरते हुए नौशाद के हाथ में पकड़ा दिए।

शहनवाज के अनुसार नौशाद जो उसके ही मोहल्ले का निवासी है । उसने उसे यह आश्वासन दिलवा दिलाते हुए साथ ही महिला अर्चना धींगरा की ओर इशारा करते हुए चलने को कहा। इस पर अर्चना ने मास्क बनाने के कार्य को तत्काल बंद कराने को कहते हुए कहा कि तुम नौशाद भाई के मोहल्लेदार हो जिस कारणजबकि कोई कार्यवाही नहीं कराई गई। साथ ही महिला ने कहा कि इतनी बड़ी टीम को क्या मिलेगा इतने कम पैसों से।आगे से कोई गलती या गलत कार्य मत करना यह कहते हुए सभी चले गए। इन सबके जाते इन सब के मोहल्ले में आते और जाते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग की गई । जो शहनवाज के पास मौजूद है।

उनके जाने के बाद पड़ोसी ने ठगी का शिकार हुए शहनवाज को बताया कि इस टीम में कोई भी पत्रकार नहीं है और ना ही इनका किसी टीवी चैनल से मतलब वास्ता है। यह टीम इसी प्रकार कनखल में भी लूट कर चुकी है और इनके खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय मे रिट की तैयारी चल रही है । तब शहनवाज को एहसास हुआ कि उसकी मेहनत की कमाई लूट ली गई है और उसको प्रशासन और कानून का भय दिखाकर मेहनत की कमाई लूट कर ले गए।

शहनवाज उस समय बहुत घबराया हुआ था । वह उसी समय कोतवाली ज्वालापुर पहुंचा और सारी घटना मौखिक बताई तथा लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया। लेकिन दुर्भाग्य से मात्र 2 दिन बाद ही शहनवाज के वार्ड में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मिलने के कारण उसका वार्ड पूरी तरह से सील कर दिया गया। यहां तक कि खानपान और दूध भी प्रशासन ने होम डिलीवरी कराई। इसके चलते शहनवाज अब किसी के पास अपनी फरियाद भी नहीं लेकर जा सकता था।

फिलहाल एक बार फिर शहनवाज ने हिम्मत दिखाते हुए फर्जी पत्रकारों के गैंग को सलाखों के पीछे पहुँचाने की ठानी है। लेकिन इस समय पुलिस उसकी तहरीर को दबाकर बैठ गई है। शहनवाज का कहना है कि अगर पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो मजबूरन उसे कोर्ट की शरण में जाना पडेगा।

You may also like

MERA DDDD DDD DD