भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और गोवा तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तब उन पर सरकारी बंगले का मार्केट रेंट न देने जैसे आरोप लगे थे। इसी मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोश्यारी को एक नोटिस भी जारी करते हुए किराया देने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों का बाजार का किराया न देने पर अवमानना का नोटिस जारी किया था, उसने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और अन्य सुविधाओं का बकाया 6 माह के भीतर जमा करने के निर्देश दिया था।
जिसके बाद कोश्यारी और अन्य दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में इस नोटिस पर याचिका जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट में इसकी चुनौती दी थी।जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए उत्तराखंड के हाईकोर्ट के सामने लंबित अवमानना प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। जिसकी वजह से कोश्यारी को बड़ी राहत मिल गई है।
गौरतलब है कि सरकारी बंगले का किराया देने के मामले में गोवा और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । कोश्यारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास का बाजार दर पर किराया वसूले जाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी । उन्होंने हाई कोर्ट से जारी अवमानना कार्यवाही के नोटिस मामले में भी अंतरिम राहत मांगी थी ।
उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर कोश्यारी को अलॉट बंगले को मार्केट रेट पर किराया वसूलने का आदेश दिया था। कोश्यारी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का फैसला सही नहीं है और ये प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। साथ ही कोश्यारी ने कहा कि उनका पक्ष नहीं सुना गया। इसके अलावा राज्यपाल होने के कारण उन्हें संविधान द्वारा अदालती कार्रवाई से सरंक्षण दिया गया है। फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के सीनियर लीडर को राहत दे दी है।