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मौत पर नहीं आये रिश्तेदार,तो अर्थी को मुसलमानों ने दिया कंधा

देश भर में कोरोना वायरस का डर फैला है। लोग लॉकडाउन में अपने घरों से निकलने से बच रहे हैं। डर का माहौल और ऊपर से वायरस से मरने का खौफ इतना है कि किसी की मौत पर कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में देखने को मिला। हालांकि इसी दौरान भारत की खूबसूरत विरासत यानी की हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी देखने को मिली।

यहां पर हिंदू की मौत के बाद उसके बेटे के साथ अर्थी को कंधा देने वाला भी कोई नहीं था। कुछ मुसलमान आगे आए और उन्होंने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया बल्कि श्मशान में दाह संस्कार भी करवाया।

यह सब तब हुआ जब मौत की ख़बर सुनने के बाद भी वहां कोई नहीं पहुंचा ,कोई भी रिश्तेदार जब नहीं आया तो मुहल्ले के लोग आगे आए।
बुलंदशहर के आनंद विहार में रविशंकर का घर है। रविशंकर का परिवार बेहद गरीब है। उनका घर जिस इलाके में है वह मुस्लिम आबादी वाला है।

28 मार्च को उनकी मौत हो गई। रविशंकर के बेटे ने रिश्तेदारों, दोस्तों और आस-पड़ोस में पिता की मौत का संदेश भेजा लेकिन कोई नहीं पहुंचा। रवि शंकर की मौत से दुखी परिवार की परेशानी और बढ़ गई। अर्थी को कंधा देने के लिए और श्मशान तक शव को पहुंचाने के लिए कोई नहीं था।

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