[gtranslate]
Country

जिन मजदूरों को भूखा छोड़ गए बिल्डर, उनको खाना खिला रहे रविंद्र

जिन मजदूरों को भूखा छोड़ गए बिल्डर, उनको खाना खिला रहे रविंद्र

जिला गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा का एक नव निर्माण एरिया है जिसे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नाम से जाना जाता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में काफी दिनों से कंस्ट्रक्शन का काम जोरों पर है। यहां दर्जनों कंस्ट्रक्शन कंपनियों के निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसी दौरान गत 25 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन घोषित कर दिया।

21 दिन के लॉकडाउन में सबसे दुखदायक स्थिति में देश का मजदूर वर्ग आ गया। वह मजदूर जो दिन रात ऊंची-ऊंची अट्टालिकाओं का निर्माण करके बिल्डरों का चहेता बने हुए थे। वहीं बिल्डर उन मजदूरों को राम भरोसे छोड़कर चले गए। कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों ने यह भी नहीं सोचा कि दूरदराज के क्षेत्रों से आए यह मजदूर अपने बीवी बच्चों के साथ कैसे रह पाएंगे और कैसे इनका पेट भर पाएंगे।

मजदूरों की हालत दयनीय हो गई। न उनको कोई खाना खिलाने वाला था और न कोई उनकी खैर-खबर लेने वाला था। ऐसे में ग्रेटर नोएडा के जलालपुर निवासी रविंद्र भाटी उनके लिए देवदूत बनकर आए।

रविंद्र भाटी ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सभी मजदूरों को चिन्हित किया। इसके लिए वह कंस्ट्रक्शन कंपनियों के उन क्षेत्रों में गए जहां निर्माण कार्य चल रहे थे। वहां उन्होंने उन मजदूरों को भूख से तड़पते हुए देखा जो रोजाना निर्माण कार्य करके कमाते और खाते थे। यानी कि “हैंड टू माउथ”।

ऐसे बेघर, बेसहारा लोगों के लिए रविंद्र भाटी ने दो वक्त की रोटी का इंतजाम किया। इसके लिए भाटी ने अपने घर पर ही एक हलवाई लगवाया और करीब 700 मजदूरों को रोजाना खाना खिलाने का बीड़ा उठाया।

रविंद्र भाटी प्रतिदिन 700 पैकेट घर में खाने के पैक करा कर अपनी गाड़ी में भरकर ले जाते हैं और झुग्गी-झोपड़ियों में तथा कंस्ट्रक्शन कंपनी के उन अर्ध निर्मित भवनों में रहने वाले मजदूर वर्ग को अपने हाथ से खाना बांटते हैं। पिछले 22 दिन से रविंद्र भाटी निरंतर गरीबों और मजदूरों की सेवा में लगे हुए हैं।

रविंद्र भाटी ना केवल समाज सेवी हैं बल्कि वह आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य भी हैं। पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रहे रविंद्र भाटी वर्तमान में अखिल भारतीय गुर्जर परिषद के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

फिलहाल वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी, हैबतपुर, छोटी मिल्क, रोजा, याकूबपुर, बिसरख आदि क्षेत्रों में रह रहे मजदूर और गरीब वर्ग के लोगों को खाना आवंटित कर रहे हैं। उनके इस कार्य की काफी सराहना हो रही है ।

रविंद्र भाटी कहते हैं कि कोरोना महामारी को देश में लाने वाले उच्च वर्ग के लोग हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा शिकार निर्बल वर्ग हो रहा है। इसका कारण बताते हुए वह कहते हैं कि लोग कोरोना से इतने प्रभावित नहीं है जितने भुखमरी से परेशान हो रहे हैं। कोरोना से बचाव के साथ-साथ ही उन्हें भुखमरी से बचाने का बीड़ा उठाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है।

हर भूखे को रोटी मिले यह उनका सपना है। रविंद्र भाटी कहते हैं कि पहले हमने 14 अप्रैल तक लॉकडाउन पार्ट फर्स्ट में सभी मजदूरों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले निर्बल वर्ग के लोगों को खाना खिलाया। लेकिन अब हम लॉकडाउन पार्ट 2 के अंतर्गत 3 मई तक के लिए भूखों को अन्न खिलाने का संकल्प ले चुके हैं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD