प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है। इस मुश्किल में सबसे ज्यादा परेशानी अपने गांव से दूर काम करने गए मजदूरों को हो रही है, जब पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया था, उस समय दिल्ली में रहने वाले यूपी और बिहार के मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अब दोबारा जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया तो मुंबई जैसे महानगर में काम करने वाले मजदूर मुश्किल में फंसे हुए हैं।
मुंबई में देश के अलग-अलग हिस्सों से काम करने के लिए लोग जाते है। मुंबई में बिहार के लोग भी काम की तलाश में अपने गांव से पलायन करते है। बिहारी मजदूरों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने सरकार से कहा है कि इनकी घर वापसी की पुख्ता तैयारी की जाए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “सरकारें सोचती हैं कि वो गरीबों के खाते में महज 500 डालकर और उन्हें मुट्ठीभर दाल-चावल का लालच देकर बहला लेंगी। मैं सरकारों से प्रार्थना कर रहा हूं कि कोरोना से कोई मरे ना मरे लेकिन करोड़ों गरीब लोगों को घर भेज, महीनों के राशन का इंतजाम करे अन्यथा वो भूख से ज़रूर मर जाएंगे।”
सरकारें सोचतीं है कि वो ग़रीबों के खाते में महज़ 500₹ डालकर और उन्हें मुट्ठीभर दाल-चावल का लालच देकर बहला लेंगी। मैं सरकारों से प्रार्थना कर रहा हूँ कि कोरोना से कोई मरे ना मरे लेकिन करोड़ों ग़रीब लोगों को घर भेज, महीनों के राशन का इंतज़ाम करे अन्यथा वो भूख से ज़रूर मर जाएँगे। pic.twitter.com/ma1XzNLz7Q
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 14, 2020
तेजस्वी ने आगे कहा कि यह बीमारी लेकर आएं हवाई जहाज वाले और भुगते पैदल चलने वाले, कोरोना लेकर आए पासपोर्ट वाले और कीमत अदा करें BPL राशनकार्ड वाले। अमीरों की शानो-शौकत और बीमारी का हर्ज़ाना बेचारे करोड़ों गरीब लोग भुगत रहे है, गरीबों की मदद के लिए क्यों नहीं वो अब आगे आ रहे हैं।
मुंबई में एकाएक हजारों की संख्या में मजदूर मंगलवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एकत्रित हो गए, उन्हें उम्मीद थी कि ट्रेन शुरू होगी और वो घर वापस जा पाएंगे। लेकिन वह सिर्फ एक अफवाह का शिकार हुए जिसके बाद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेजस्वी ने अपील की कि वे एक टीम का गठन करें, ताकि देश के किसी भी हिस्से में अगर बिहारी मजदूर हो, तो उसे वापस लाने का काम किया जा सके।