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रामदेव-IMA विवाद: मानहानि से थाने तक

योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए ) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है । मामला अब मानहानि से चलकर थाने में शिकायत दर्ज करने तक जा पहुंचा है।

इससे पहले आईएमए ने बाबा रामदेव को 1,000 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा है। साथ ही उनपर कार्रवाई को लेकर आईएमए ने पीएम मोदी तक को पत्र लिखा है।

आईएमए की तरफ से महासचिव डॉ. जयेश लेले ने यह शिकायत दर्ज कराई है।
आईएमए ने दिल्ली के आईपी ​​एस्टेट पुलिस थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का स्थापित और अनुमोदित तरीकों एवं दवाओं से इलाज के बारे में जानबूझकर एवं सोच समझकर झूठी, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलायी।

दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस स्टेशन में दी गई शिकायत में आईएमए की तरफ से कहा गया है कि स्वामी रामदेव लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर शंका पैदा कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहे हैं। शिकायती पत्र में आगे कहा गया है कि रामदेव और उनके सहयोगियों ने गलत नीयत से, मेडिकल समुदाय और आम जनता को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। इस साजिश में रामदेव के साथ शामिल लोगों की जांच की जाए। इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जाए। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा हैं कि हमें शिकायत मिली हैं और जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि कि सोशल मीडिया पर साझा किए गये एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा था कि रामदेव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’। उन्होंने यह भी कहा कि एलोपैथी की दवाएं लेने के बाद लाखों लोगों की मौत हो गई।

डॉक्टरों की शीर्ष संस्था आईएमए ने कहा था कि रामदेव पर महामारी रोग कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए क्योंकि ‘अशिक्षित’ बयान ‘देश के शिक्षित समाज के लिए एक खतरा है, साथ ही गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं।आईएमए ने रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर ‘लिखित माफी मांगने’ और ‘बयान वापस लेने’ को कहा था।

 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन आई एम में और स्वामी रामदेव के बीच बचाव में आ गए थे । उन्होंने रामदेव को फटकार लगाते हुए दो पेज का एक पत्र लिखा। उन्होंने एक ट्वीट करतें हुए कहा कि ‘संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। बाबा रामदेव जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई। मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है।’

इसके बाद बाबा ने आईएमए के सामने आत्मसमर्पण की मुद्रा में अपने शब्द वापस ले लिए । लेकिन उसके बाद भी वह नहीं माने। उन्होंने एक 25 सवालों से भरा पत्र आईएमए को लिख दिया। इसके बाद यहां तक की भी कहा गया कि किसी की हिम्मत नहीं जो रामदेव को गिरफ्तार करके दिखा दे। बताया जा रहा है कि यह बयान पतंजलि की तरफ से आया। जिसमें सीधे-सीधे आईएमए को चुनौती दी गई। इसके बाद आईएमए में उबाल आ गया। फलस्वरुप, मामला दिल्ली के आईपी स्टेट थाने तक जा पहुंचा है।

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