बजाज ऑटो के संस्थापक अध्यक्ष राहुल बजाज ने पिछले साल मुम्बई में हुए एक कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में कहा था कि इस वक्त देश में लोगों के बीच खौफ का माहौल है। लोगों को यह भरोसा नहीं कि सरकार की आलोचना करने को किस तरह से लिया जाएगा।
राजीव बजाज उनके बेटे है जो वर्तमान में बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर है। राजीव भी अपने पिता राहुल बजाज की तरह ही बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से बातचीत न करने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद भी उन्होंने राहुल से बातें की।
इस बातचीत में राजीव बजाज ने एक खुलासा किया कि उन्हें राहुल गांधी से बात नहीं करने की नसीहत दी गई थी। राजीव ने बताया कि उन्होंने अपने एक परिचित से कहा कि वे राहुल गांधी से बात करने वाले हैं, तो उस शख्स ने कहा कि ऐसा मत करो, क्यों जोखिम ले रहे हो।
बात क्यों न करूं, इस सवाल पर उस शख्स ने कहा कि इससे आपको दिक्कत हो सकती है। राजीव ने कहा कि मैंने उस शख्स से कहा कि राहुल गांधी बिजनेस, अर्थव्यवस्था और लॉकडाउन के बारे में बात करेंगे जिस पर काफी कुछ मीडिया में मैं पहले भी कह चुका है तो क्या अब ये बातें भी नहीं की जा सकतीं। उस शख्स ने कहा कि मीडिया से बात करना अलग बात है और राहुल गांधी से बात करना अलग।
बावजूद इसके राजीव बजाज ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सच बोला। ऐसा सच जो केन्द्र की भाजपा सरकार के लिए आइना बन गया है। जिसमेें वह राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान कहते हैं कि हमारे यहां 100 लोग बोलने से डरते हैं, जबकि उनमें से 90 के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं होता। मेरे पिता की तरह बोलने का जोखिम बहुत कम लोग उठा पाते हैं। उन्होंने ये कहा कि उद्योगपति भी दूध के धुले नहीं हैं लेकिन सभी एक जैसे नहीं होते हैं।
राजीव बजाज ने कहा, “दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। वजह चाहे जो हो। अगर कोई व्यक्ति बिना हेल्मेट पहने गाड़ी चला रहा होता है तो 99.9 प्रतिशत मामलों में पुलिस कुछ भी नहीं करती है लेकिन अगर किसी ने मास्क नहीं पहना है या कोई मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर निकला हो तो आप उन्हें डंडे मारते हैं। उन्हें अपमानित करने के लिए सड़क पर उठक-बैठक लगवाते हैं। आपने उनके हाथ में बोर्ड लगा दिया कि मैं देशद्रोही हूं, मैं गधा हूं। मैंने खुद देखा कि सड़क पर निकले कुछ बुजुर्गों को डंडे मारे गए।”
राहुल गांधी ने राहुल बजाज से पूछा कि कोरोना वायरस के दौरान उनके यहां कैसी स्थिति है। इस पर राजीव बजाज ने कहा कि सभी के लिए ये नया माहौल है। हम इसमें ढलने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग इसे झेल सकते हैं, वो कोशिश कर रहे हैं लेकिन इस बीच कारोबार के साथ काफी कुछ हो रहा है। राजीव बजाज ने कहा कि जापान, सिंगापुर में हमारे दोस्त हैं इसके अलावा दुनिया के कई देशों में बात होती है। भारत में एक तरह का ड्रैकियन लॉकडाउन है, ऐसा लॉकडाउन कहीं पर भी नहीं हुआ है। दुनिया के कई देशों में बाहर निकलने की अनुमति थी, लेकिन हमारे यहां स्थिति अलग रही।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं जो इससे निपट सकते हैं, लेकिन करोड़ों मजदूर हैं जिन्हें मुश्किल झेलनी पड़ी। इस पर राजीव बजाज ने कहा कि भारत ने ईस्ट नहीं बल्कि पश्चिम की ओर देखा, लेकिन पूर्वी देशों में इसके खिलाफ बेहतर काम हुआ है। पूर्वी देशों ने तापमान, मेडिकल समेत तमाम मुश्किलों के बावजूद बेहतर काम किया है । ऐसा कोई भी मेडिकल सुविधाएं नहीं हो सकतीं, जो इससे निपट सकें। ये अपने आप में पहली बार जैसा था।
राजीव बजाज ने कहा कि कोरोना वायरस ने विकसित देशों पर चोट पहुंचाई है। क्योंकि जब अमीर बीमार होते हैं, तो हेडलाइन बनती है। अफ्रीका में हर दिन 8000 बच्चे भूख से मरते हैं, लेकिन हेडलाइन नहीं बनती है । इस बीमारी से विकसित देश, अमीर लोग और समृद्ध लोग प्रभावित हैं इसलिए कोरोना पर शोर ज्यादा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना संकट से निपटने के तरीकों को लेकर देश के अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं। इसी कड़ी में वह जन स्वास्थ्य पेशेवर आशीष झा और स्वीडिश महामारी विशेषज्ञ जोहान गिसेके से बात कर चुके हैं। जबकि इससे पहले राहुल गांधी दुनिया के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से भी बातचीत कर चुके हैं।
फिलहाल कोरोना के दौरान राजीव बजाज के साथ राहुल गांधी ने पहली बार किसी उद्योगपति से बातचीत की है। जिसमें बजाज परिवार के लिए फिलहाल यह बडा जोखिम भी साबित हो सकता है। चर्चा है कि राजीव बजाज ने राहुल गांधी के साथ बातचीत में जो सच बोला है कही वह बजाज परिवार को महंगा न पड़ जाए।