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राजस्थान : राहुल की राह का रोड़ा बनेगा आरक्षण

कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर हैं,लेकिन राहुल गांधी को राजस्थान में गुजर समुदाय का विरोध झेलना पड़ सकता है। जहां एक तरफ राजस्थान प्रभारी अजय माकन के 25 सितम्बर के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पद छोड़ने की पेशकश की है वहीं दूसरी तरफ गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रमुख विजय सिंह बैंसला ने आरक्षण की मांग को पूरा नहीं करने पर यात्रा काे राज्य में नहीं घुसने की चेतावनी दी है,इतना ही नहीं राज्य कांग्रेस में भी यात्रा को लेकर रस्साकशी चल रही है।कहा तो यह भी जा रहा है कि राहुल गांधी जिस पथ पर चल रहे हैं उस पथ पर राजस्थान की कांग्रेस चलने के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की खींचतान जगजाहिर है। ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर से खींचतान देखने को मिल सकती है।

 

‘भारत जोड़ो यात्रा’ दिसंबर में राजस्थान में प्रवेश करेगी। यहां यात्रा को कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा इस बात से आशंकित है कि प्रदेश में राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के तहत आने से सचिन पायलट को सियासी फायदा नहीं मिल जाए। लिहाजा उनकी राजस्थान एंट्री को लेकर फिर से माथापच्ची की जा रही है। पार्टी पिछले 6 दिनों में अब तक रूट तय नहीं कर पाई है। भारत जोड़ो की राजस्थान यात्रा की जिम्मेदारी गहलोत खेमे के नेताओं के पास है। अभी तक तय किए गए रूट के अनुसार यात्रा का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस रूट के बजाए अब राहुल गांधी की यात्रा को जयपुर के रास्ते होते हुए आगे बढ़ाने का प्लान किया जा रहा है। इसकी एक वजह यह बताई जा रही है कि हाड़ौती में पायलट समर्थक इस समय काफी बुलंद हैं । वो पायलट को सीएम बनाने की लगातार मांग कर रहे हैं। पायलट के समर्थन से जुड़ा यह जनसैलाब यदि राहुल गांधी देखते हैं, तो शायद उन्हें सत्ता की चाबी सौंप सकते हैं।

सचिन पायलट ने कुछ दिन पहले ही हाड़ौती क्षेत्र का दौरा भी किया था उससे भी यह समझा जा सकता है। इससे पहले पायलट वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़ और इसके बाद कोटा जिले में पहुंचे थे। पायलट ने यहां शक्ति प्रदर्शन किया था। इस दौरान उनके काफिले में काफी भीड़ उमड़ी थी। पायलट के इस शक्ति प्रदर्शन में हाडौती के कई कांग्रेस नेता नजर आए। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाड़ौती में पहुंचकर बारां में 2 दिन बिताने के बाद अब गहलोत ने कैबिनेट के चार मंत्री रामलाल जाट, प्रमोद जैन भाया, गोविंद मेघवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को हाड़ौती में भेजा है, जो राहुल गांधी की यात्रा के रूट की तैयारियों में लगे हैं।

गौरतलब है कि,सचिन पायलट की बढ़ती लोकप्रियता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि हाल ही में कोटा देहात कांग्रेस कमेटी की जिला अध्यक्ष सरोज मीणा ने पायलट के समर्थन में बढ़ा बयान दे दिया। सरोज मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अगर राजस्थान में राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के साथ आने के पहले आलाकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना है तो राजस्थान में सत्ता वापसी में चार चांद लग जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरोज मीणा का असर भी गहलोत गुट के नेताओं पर हुआ है। इसके चलते राजस्थान में राहुल गांधी के रूट को लेकर फिर से मंथन हो रहा है।राजस्थान में गहलोत और पायलट के गुट में बटी कांग्रेस को लेकर पूर्व केंद्रीय पंचायत राज मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कोटा पहुंचकर यह कहा था कि राहुल गांधी के राजस्थान में पहुंचने पर चमत्कार होगा। उन्होंने यह दावा किया है कि राहुल गांधी के राजस्थान पहुंचते ही यहां कांग्रेस में चल रही कलह का समाधान निकल जाएगा।

आरक्षण पर घमासान

राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आगमन से पहले ही ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।ओबीसी आरक्षण को लेकर अलग-अलग समाजों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन सभी परिस्थितियों के बीच भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान से शांतिपूर्ण निकालना गहलोत सरकार और कांग्रेस संगठन के लिए चुनौती बना हुआ है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रमुख गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के विजय सिंह बैंसला ने आरक्षण के लंबित मुद्दों को लेकर यहां तक कह दिया है कि राजस्थान मे आरक्षण से जुड़े लंबित मुद्दों का समाधान नहीं निकाले जाने की स्थिति में राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देने की चेतावनी भी दी है। इतना ही नहीं विजय सिंह बैंसला गुट ने इसकी तैयारी कर रखी है,वे विभिन्न ज़िलों में अपने कार्यकर्ताओं के साथ विरोध करने की रणनीति बना रहे हैं। चर्चा तो यह है कि गुर्जर समाज यात्रा एंट्री पॉइंट से विरोध जताना शुरू कर देगा।

फिलहाल,राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अभी भी फाइनल रुट चार्ट जारी होने का इंतज़ार है,अभी तक यात्रा के 3 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करते हुए जो रुट चार्ट बनाया गया था वो गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों से होकर गुज़र रहा था, लेकिन इस बीच यात्रा का विरोध जताने की चेतावनी के बाद इस रुट चार्ट में बदलाव की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए केंद्रीय संगठन भी सक्रिय हो गया है।

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