राजस्थान के भरतपुर से नदबई विधानसभा के विधायक जोगिंदर अवाना की जान को खतरा है। इसके मद्देनजर राजस्थान सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। फिलहाल जोगिंदर अवाना के साथ राजस्थान पुलिस के 8 जवान तैनात रहेंगे। जबकि पूर्व में उनके साथ तीन पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे हुए थे ।
विधायक जोगिंदर अवाना के खास कहे जाने वाले नोएडा के कांग्रेस नेता नीरज लोहिया की माने तो पूर्व में ही चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी सुरक्षा के मद्देनजर एफ आई आर दर्ज कराई थी। आज से 2 साल पहले जोगिंदर अवाना को चुनाव में मिली धमकी के बाद सीआईडी की जांच में यह तय हुआ कि उनकी जान को खतरा है।
इसके चलते अवाना को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। साथ ही कांग्रेस के युवा नेता नीरज लोहिया यह भी कहते हैं कि उन्हें वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सुरक्षा की सख्त जरूरत थी । याद रहे कि विधायक जोगिंदर अवाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में है। अवाना के गुर्जर विधायक होने के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जातीय समीकरण साधने में खासा फायदा मिल रहा है। बहरहाल, आने वाले दिनों में विधायक अवाना मंत्री पद के प्रबल दावेदार बताएं जा रहे हैं।
फिलहाल, राजस्थान पुलिस ने विधायक जोगिंदर अवाना के नोएडा स्थित आवास के साथ ही भरतपुर और जयपुर के आवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। याद रहे कि राजस्थान में गुर्जर जाति के 8 विधायक हैं जिनमें से 5 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है। जिनमें से एक अवाना भी है। जबकि दो सचिन पायलट के समर्थन में सरकार की खिलाफत कर रहे हैं।
उधर, दूसरी तरफ सुनने में आ रहा है कि राजस्थान में गुर्जर विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ देने पर समाज के लोग नाराज है। यहां तक कि गुर्जर विधायकों को सोशल मीडिया पर समाज का गद्दार तक कहा जा रहा है।
गुर्जर समाज के लोगों का कहना है कि ऐसे समय में उनकी जाति के विधायकों को सचिन पायलट का साथ देना चाहिए था। जिन विधायकों ने सचिन का साथ नही दिया ऐसे विधायको को गुर्जर समाज ने बहिष्कृत करने का फैसला किया है। जिसमें सुनने में आ रहा है कि गुर्जर समाज के ऐसे विधायको ने सोशल मीडिया पर गलती मानी है।