कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ मध्य प्रदेश के बाद अब 4 दिसंबर को राजस्थान में एंट्री करने वाली है,लेकिन इससे पहले भाजपा ने 1 दिसंबर से राजस्थान में जन आक्रोश यात्रा शुरू कर दी है। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 51 रथ को हरी झंडी दिखा राज्य के 200 विधानसभाओं की ओर रवाना कर दिया है । ऐसे में एक ओर जहां कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों को साधना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए अभी से राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोल शुरू कर दिया है।
दरअसल कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा जिस रास्ते से गुजर रही है वहां की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर गुर्जर और मीणा समाज की संख्या है। ऐसे में यात्रा को लेकर राज्य में कांग्रेस ने खास तैयारी कर रखी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि राज्य के सभी जिलों में यात्रा का सीधा प्रसारण किया जाएगा। राजस्थान के हर जिले के मुख्यालय पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी, जहां बड़ी संख्या में लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक साथ पदयात्रा करते नजर आएंगे, जिस तरह से कर्नाटक में डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को साथ लेकर चले थे। प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ की झालरापाटन, कोटा की रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर और दक्षिण कोटा सीट से गुजरेगी। इसके बाद यह यात्रा बूंदी जिले की केशोरायपाटन से होते हुए टोंक जिले में प्रवेश करेगी। इस दौरान यात्रा देवली और उनियारा विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी। सवाई माधोपुर विधानसभा इलाके से बामनवास और लालसोट और दौसा में प्रवेश करेगी। दौसा, लालसोट, सिकराय और बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र से होते हुए अलवर पहुंचेगी, जिसके बाद अलवर ग्रामीण,अलवर रामगढ़, राजगढ़ और लक्ष्मणगढ़ विधानसभा होते हुए हरियाणा में प्रवेश करेगी। मगर राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के एंट्री करने से पहले भाजपा सक्रिय हो गई है।
भाजपा ने ‘भारत जोड़ो यात्रा ‘ के जवाब में राज्य में जन आक्रोश यात्रा शुरू कर दी है। एक तरह राजस्थान में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के जरिए पद यात्रा करेगी तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता रथ पर सवार होकर गांव-गांव जाकर लोगों को कांग्रेस सरकार की विफलताओं के बारे बताएंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में भगवा रंग में रंगे रथों को यात्रा के लिए रवाना भी कर चुके हैं । इस रथ यात्रा के जरिये भाजपा राजस्थान में अपनी एकता का संदेश भी देना चाहती है, इसके लिए भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ वसुंधरा राजे का भी पोस्टर लगाया है। दरअसल इन दोनों दिग्गज नेताओं का लंबे समय से विवाद चल रहा है।
भाजपा की इस यात्रा को लेकर कहा जा रहा है कि भाजपा कांग्रेस को उसी की भाषा में जवाब देना चाहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं,जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस अभी से पूरे दमखम के साथ मैदान में है। ऐसे में राजस्थान के रण में दोनों ही यात्राओं का सियासी प्रभाव 2023 के चुनाव में देखने को मिल सकता है।