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रेलवे ने बजरंगबली के खिलाफ जारी नोटिस

साल 2012 में आई फिल्म “ओह माय गॉड ” ने समाज के सामने ईश्वर की आस्था एक अलग ही पक्ष रखा था। जहाँ भूकंप के कारण दुकान टूट जाने पर अभिनेता प्रवेश रावल, भगवान पर केस करने का फैसला करता है और उनके खिलाफ मुकदमा लड़ता है।

 

भले ही यह फिल्म कल्पना पर आधारित थी लेकिन आज असल दुनिया में भारतीय रेलवे ने, हिन्दुओं के आराध्य बजरंबली के खिलाफ जमीन पर अतिक्रमण करने का दवा करते हुए हनुमान जी को अगले 7 दिनों में जमीन को खाली करने का आदेश दिया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि अगर निर्धारित समय पर हनुमान जी द्वारा यह अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो प्रशासनिक कार्यवाही होगी।आपको जबरन यहाँ से हटाया जायेगा और जेसीबी आदि के खर्च भी आपसे ही वसूला जाएगा । देखना ये है की फिल्म में तो खुद श्री कृष्ण में मानव रूप का अवतार लेकर प्रवेश रावल कि सहायता की थी। तो असल जिंदगी में क्या सच में खुद बजरंगबली उस जमीन को खाली करने के लिए प्रकट होंगे।

 

क्या है मामला

 

दरअसल यह मामला महाराष्ट्र के मुरैना गांव से सामने आ रही है जहाँ ग्वालियर-श्योपुर रेल लाइन का काम चल रहा है और मुरैना जिले के सबलगढ़ तहसील में हनुमान जी का एक मंदिर और कुछ घर रेलवे ट्रैक के बीच में आ रहें है। रिपोर्ट्स के अनुसार यह मंदिर रेलवे की जमीन पर बना है। इसलिए रेल विभाग ने स्वयं भगवान हनुमान जी को यह नोटिस जारी कर दिया है। रेलवे विभाग ने नोटिस में हनुमान जी को अतिक्रमणकारी बताते हुए लिखा है कि आपने रेलवे की जमीन पर मकान बनाकर अतिक्रमण किया है जिसे अब हटा लीजिये। रेलवे के इस नोटिस से मंदिर के पुजारी और भक्तों से लेकर पूरा देश अचम्भे में हैं कि रेलवे द्वारा भगवान के खिलाफ किस प्रकार नोटिस जारी किया जा सकता है। रेलवे का यह नोटिस झांसी रेल मण्डल के वरिष्ठ खण्ड अभियंता, जौरा अलापुर की ओर से 8 फरवरी को जारी किया गया था। रेलवे के इस नोटिस की कितनी सच्चाई है इस बात को खोजने पर पता चलता है की यह नोटिस पूरी तरह सही है यह अतिक्रमण को हटाए जाने की सामान्य प्रक्रिया बताया। इसमें बस त्रुटिवश मंदिर मालिक की जगह भगवान बजरंगबली का नाम नोटिस में लिख दिया गया था जिसे अब सुधार दिया गया है। इससे पहले पोलैंड की एक नन ने श्री कृष्ण के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

 

श्री कृष्ण के खिलाफ मुकदमा

 

पिछले वर्ष पोलैंड से भी ऐसा ही एक अजीबोगरीब मामला सामने आया जहाँ एक वारसॉ की नन ने श्री कृष्ण के बहुविवाह पर सवाल उठाते हुए इस्कॉन पर आरोप लगाया था की यह हिन्दू धर्म से सम्बन्धित अपनी गतिविधियों को पोलैंड और दुनियाभर में फैला रहा है। पोलैंड में इस्कॉन ने अपने धर्म को आगे बढ़ने के लिए से अपने बहुत से अनुयायी तैयार कर लिए है। इसलिए वह चाहती थी की इस्कॉन पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाना चाहिए क्योंकि उसके अनुयायियों द्वारा उस ‘कृष्णा’ को महिमामंडित किया जा रहा है, जो चरित्रहिन था। साथ ही नन ने कृष्ण के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हुए यह भी कहा की उन्होंने 16 हजार से अधिक गोपियों से शादी कर रखी थी। जिसपर श्री कृष्ण के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जब कोई महिला नन बनती है तो यह शपथ लेती है कि मै जीजस को अपना पति स्वीकार करती हूँ और उनके अलावा किसी अन्य पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाउंगी। तो इस प्रकार इस शपथ के अनुसार सभी नन जीजस से विवाह करते है तो अब से पहले कितने लाख ननों ने जीसस से विवाह किया होगा और भविष्य में कितनी ही नन जीसस से विवाह करेंगी। जिस पर न्यायाधीश ने न्यायाधीश महोदय ने मामले को खारिज कर दिया था।

 

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