राहुल गांधी के ‘उत्तर-दक्षिण’ भारत बयान के बाद से ही बीजेपी तो उन हमलावर है ही लेकिन साथ ही उनकी अपनी पार्टी के कई नेता भी नाखुश हैंअब कांग्रेस के भीतर ही इस बयान पर रार मचती दिख रही है।
जिसका असर आज जम्मू कश्मीर में हुए G-23 समूह के सम्मेलन में दिखाई दिया |
कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने वाले G-23 समूह के कुछ नेता एक बार फिर जम्मू में इकट्ठे हुए हैं.इस शांति सम्मेलन में पार्टी के गुलाम नबी आजाद , कपिल सिब्बल समेत कई बडे़ नेताओं ने कांग्रेस को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
जम्मू में आयोजित शांति सम्मेलन में आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई कांग्रेसी दिग्गजों ने शिरकत की. शर्मा ने खुले शब्दों में कह दिया है कि कोई हमें नहीं बता सकता कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं. उन्होंने कहा ‘जो कांग्रेस मे हैं महात्मा गांधी की सोच को मानते हैं, उनके अंदर हिम्मत ना हो सच बोलने की ये कैसे हो सकता है.’
शर्मा ने कहा ‘पिछले एक दशक मे कांग्रेस कमजोर हुई है, हम नहीं चाहते ज्यों-ज्यों हमारी उम्र बढे़ हम कांग्रेस को कमजोर देखें, हममें से कोई उपर से नहीं आया| खिड़की दरवाजे से नहीं आया-हम छात्र आंदोलन से आये, ये अधिकार हमने किसी को नहीं दिया कि हमे बताये कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं हैं.|
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा “आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है| राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी|जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी” आजाद ने कहा “मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं|
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेता गुलाम नबी आजाद के साथ हुए बर्ताव से खासे नाराज दिखाई दिए |. वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा ‘मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजाद के अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही.’ वहीं, तिवारी ने बताया कि वे सब यहां ग्लोबल फैमिली के बुलावे पर जम्मू में इकट्ठे हुए हैं.| अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर ने कहा ‘लोग कहते है जी-23 मैं कहता हूं गांधी 23, जी-23 कांग्रेस की भलाई चाहती है, आजाद साहब की यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है आधी भी नहीं हुई है|
G-23 समूह के एक नेता ने कहा ‘जब दूसरी पार्टियां आजाद को सीट की पेशकश कर रही हैं, प्रधानमंत्री ने उनके बारे में इतना अच्छा कहा. हमारी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया.’ खास बात है कि कई वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने दरकिनार करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी का नेता बनाया है| . पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के चलते G-23 के नेताओं की नाराजगी और बढ़ गई है|