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राफेल डील को लेकर फिर हमलावर हुए राहुल गांधी 

राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निरंतर हमलावर रहे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर  केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदा घोटाला , आसमान छूती पेट्रोल – डीजल के दामों को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि इस तरह के जनविरोधी कदम उठाना इस सरकार की पहचान बन चुकी है। इस सबके बीच राफेल मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी तकरार तेज होती जा रही है। फ्रांस में इस सौदे में भ्रष्टाचार और पक्षपात के मामले में जांच शुरू हुई है तो कांग्रेस यहां भी जेसीपी की मांग करने लगी है और राहुल गांधी ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। भाजपा ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी को राफेल के मुद्दे पर ही अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली है।

 

इसके साथ ही भाजपा ने सवाल किया कि कांग्रेस अपने दस साल के शासनकाल में क्या इसलिए राफेल सौदा नहीं कर पाई क्योंकि गांधी परिवार को उसका वांछित कमीशन नहीं मिला। बिना किसी का नाम लिए राहुल गांधी ने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट किया जिसमें राफेल से निकलती हवा से सफेद दाढ़ी को जोड़ा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय ‘चौकीदार चोर है’ जैसा नारा गढ़ने वाले राहुल गांधी ने अब ‘चोर की दाढ़ी’ से तंज किया है।

राहुल गांधी के इस पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि पहले हर तरह की गाली देने वाले राहुल अब निचले स्तर पर उतर आए हैं। कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव में सारे हथकंडे अपना लिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट, सीएजी के साथ-साथ देश की जनता ने उसकी झूठ को नकार दिया। मालवीय ने राहुल को चुनौती दी है कि वह चाहें तो 2024 का आम चुनाव भी राफेल के मुद्दे पर ही लड़ कर देख लें।

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इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल किया कि दो सरकारों के बीच सौदे में जब लाभार्थी सरकार ने किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए हैं तब वह देश ऐसा आदेश क्यों नहीं दे रहा जिसके सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा की बहुत बातें करते हैं, लेकिन उद्यमी मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करते हैं।

राफेल मुद्दे को गरमाने में जुटे राहुल गांधी ने ट्विटर पर इसको लेकर आनलाइन सर्वे भी शुरू किया है। उन्होंने सवाल किया है कि सरकार जेपीसी जांच क्यों नहीं करा रही है साथ ही इसके चार विकल्प दिए हैं। इसमें अपराधबोध, मित्रों को बचाना, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए और ये सभी सही हैं, शामिल हैं।

दरअसल , वर्ष 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल  विमानों का सौदा किया था, जिसके तहत एक दर्जन राफेल विमान भारत को मिल भी गए हैं। जिस समय ये डील हुई थी, उस समय भारत में काफी विवाद हुआ था। लेकिन अब फ्रांस के साथ हुए भारत के राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी। इस जांच के लिए एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है।

फ्रांसीसी मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2016 में दोनों देशों के बीच हुई इस डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक तौर पर 14 जून से शुरू हो गई थी। इस मामले में अब पीएनएफ के नए प्रमुख जीन-फ्रेंकोइस बोहर्ट ने जांच के समर्थन का फैसला किया है।

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