सियासत में अहम मुद्दा बना रहा राफेल विमान अब जल्दी ही भारतीय सेना में शामिल होने जा रहा है। समझा जा रहा है कि हवा से हवा और हवा से जमीन में वार करने वालों में लड़ाकू विमान भारतीय सेना को एक नई ताकत देंगे। आज फ्रांस के एयरबेस से पांच राफेल विमान भारत के लिए रवाना होंगे। जो 29 जुलाई तक यहां पहुँच जाएंगे। औपचारिक रूप से लड़ाकू विमान 20 अगस्त को भारतीय वायुसेना में शामिल हो सकते हैं। सरकार का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द इन्हें ऑपरेशन में शामिल किया जाए।
गौरतलब है कि भारत ने सितंबर 2016 में फ़्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील लगभग 59 हजार करोड़ रुपये की थी। जिसकी पहली खेप आज भारत को मिल जाएगी। जिसके बाद जल्दी से कमेंट ऑपरेशन और meteor मिसाइल भारत के लिए रवाना कर दिया है। इन राफेल विमानों में हवा से हवा में 150 किलोमीटर तक की रेंज के वार करने वाली मिसाइल लगी है।
ये विमान अपने पूरे पैकेज के साथ पहुंचेंगे और जल्द ही इन्हें चालू कर दिया जाएगा। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना को और ताकत मिलेगी। राफेल विमानों को भारत लाने के लिए एक स्टॉफ का इस्तेमाल किया जा रहा है। फ़्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर राफेल विमान उतरेंगे।उसके बाद बुधवार 29 जुलाई को हरियाणा के अम्बाला स्तिथ एयर फ़ोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे।
ये विमान 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके भारत के अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे । खास बात ये है कि भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट खुद इन विमानों को रफाल उड़ाकर भारत ला रहे हैं।यानी भारत के पायलट इन्हें उड़ाने में पहले ही प्रशिक्षित हैं। ऐसे में बहुत संभावना है कि ये लड़ाकू विमान हफ्ते भर के अंदर ही ऑपरेशन के लिए तैयार हो सकते हैं। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए भी यह जरुरी समझा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में पिछले हफ्ते वायुसेना के कमांडर्स की बैठक में राफेल को लद्दाख में तैनात करने पर भी चर्चा हुई थी।
राफेल फ्रांस की कंपनी डसॉ एविएशन का लड़ाकू विमान है, इसमें दो इंजन हैं। ये हवा से हवा और हवा से ज़मीन दोनों तरह से हमला कर सकता है। हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता और ये परमाणु बम से लैस हो सकता है। एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। राफेल 2,130 किमी/घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। राफेल 3700 किलोमीटर दूर टारगेट को तबाह कर सकता है। इसमें कई तरह की मिसाइल फिट की जा सकती हैं । ये तो राफेल की कुछ ही खूबियां हैं , इसके अलावा राफेल में कई खासियत हैं जिसकी वजह से राफेल भारतीय वायुसेना की यह पहली पसंद है। अब जब राफेल भारत के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल हो जाएगा, तब देश की ताकत में कई गुना बढ़ जाएगी।