पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 फरवरी को वोटिंग होनी है। सभी राजनीतिक दल जोर – शोर से प्रचार – प्रसार में जुटे हैं। हालांकि राज्य के सियासी हालात अब पहले जैसे नहीं रहे। आम आदमी पार्टी की मजबूत स्थिति के बाद केवल दो पार्टियों का चुनाव नहीं रह गया है। इस बीच कवि कुमार विश्वास का नाम भी पंजाब की राजनीति में खूब गूंज रहा है। उन्होंने हाल के दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे।
इस पूरे सियासी विवाद के लपेटे में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी डीपीएस खरबंदा भी आ गए हैं। उन्होंने कुमार विश्वास के बयान को राजनीतिक दलों और मीडिया घरानों को वीडियो क्लिप नहीं चलाने के लिए आदेश जारी किया था। जिसे पंजाब सीईओ कार्यालय ने महज दो के भीतर ही वापस ले बैकफुट पर आ गया है। खबरों के मुताबिक, चुनाव आयोग की जानकारी के बिना अतिरिक्त सीईओ ने यह आदेश जारी किया था। कथित तौर पर राज्य के सीईओ द्वारा भी इस आदेश को अनुमोदित नहीं किया गया था। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। पत्र जारी करने वाले अतिरिक्त सीईओ के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
गौरतलब है कि यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब की एक रैली में कुमार विश्वास के बयान का सहारा लेकर अरविंद केजरीवाल पर खूब हमला किया। प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “ये लोग पंजाब और देश को तोड़ना चाहते हैं। ये सत्ता पाने के लिए अलगाववादियों से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उनका एजेंडा देश के दुश्मनों और पाकिस्तान के एजेंडे से अलग नहीं है।”
दरअसल ,पंजाब के अतिरिक्त सीईओ खरबंदा ने आप से शिकायत मिलने के बाद यह आदेश जारी किया था। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) द्वारा कुमार विश्वास के साक्षात्कार का उपयोग करने से राजनीतिक दलों को रोक दिया था। कुमार ने दावा किया था कि केजरीवाल ने एक बार उन्हें कहा था कि वह या तो पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के प्रधानमंत्री बनेंगे। पत्र में पंजाब के सभी राजनीतिक दलों से यह कहते हुए क्लिप चलाना बंद करने को कहा गया है कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
महज दो घंटे के भीतर वापस किया आदेश
पंजाब के सीईओ एस करुणा राजू ने कहा कि पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। किसी भी पार्टी को मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी सामग्री को प्रसारित करने या चलाने से रोकना चुनाव अधिकारियों का काम नहीं है। उन्होंने कहा, “इस्तेमाल की गई भाषा पूरी तरह से गलत थी। पत्र अनजाने में निकल गया। मैंने इसे दो घंटे के भीतर वापस लेने का आदेश दिया।
कुमार के इस बयान के बाद ‘ आप’ के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने आपत्ति जताई थी। आप ने सीईओ के कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई थी कि कुमार विश्वास ने अन्य पार्टियों के साथ निहित राजनीतिक हितों को अंजाम देने के लिए वीडियो को प्रकाशित किया था और विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर साझा करके कांग्रेस द्वारा इसका फायदा उठाया जा रहा था।