पिछले कई वर्षों से यूपीसीसी पदाधिकारियों की मांग आज उस वक्त पूरी हो गयी जब पार्टी हाई कमान ने प्रियंका गांधी के रूप में गांधी परिवार के एक और सदस्य को पार्टी महासचिव के रूप में अहम जिम्मेदारी सौंपी। प्रियंका पार्टी में महासचिव का पद संभालने के साथ ही फौरी तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की चुनावी कमान भी संभालेंगी।
प्रियंका गांधी को कांग्रेस की मुख्य धारा में शामिल किए जाने बाद भले ही यूपी की राजनीति में इसे यूपी कांग्रेस की संजीवनी के तौर पर देखा जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि यूपीसीसी पदाधिकारियों के चेहरों पर छायी बनावटी मुस्कान के पीछे राज और भी गहरे हैं। पदाधिकारी सिर्फ प्रियंका को महासचिव का पद और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपे जाने भर से खुश नही हैं बल्कि वे यूपीसीसी की पूरी तरह से ओवरहाॅलिंग चाहते हैं। पदाधिकारियों का मानना है कि जब तक यूपीसीसी में निचले क्रम से लेकर ऊपरी क्रम तक बदलाव नहीं किए जाते तब तक यूपी कांग्रेस की छवि में कोई खास फर्क पड़ने वाला नही। स्पष्ट है कि यूपीसीसी में अधिकतर पदाधिकारियों के चेहरों पर छायी मुस्कुराहट के पीछे का राज कुछ और है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि प्रियंका गांधी के यूपी पहुंचने पर यूपीसीसी में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रियंका अभी विदेश में है। जानकार सूत्रों का कहना है कि दो दिनों में ही उनका कार्यक्रम लखनऊ पहुंचकर पार्टी की ओवरहाॅलिंग करने का है।
देखा जाए तो भले ही प्रियंका गांधी नए और आधुनिक विचारों की हों लेकिन उनके महासचिव बनाए जाने और पूर्वी उत्तर प्रदेश की चुनाव कमान सौंपे जाने से पुराने वरिष्ठ कांग्रेसियों में खुशी की लहर है। इन्हें उम्मीद है कि प्रियंका अनुभवी कांग्रेसियों को तवज्जो देंगी और उनकी अगुवाई में ही इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ा जाना है।