महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों में गंभीर होता जा रहा है। भारत में यह मुद्दा पिछले कुछ वर्षों में और अधिक गंभीर हो गया है। आजकल महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित नहीं हैं, यात्रा करते समय और शायद अपने घरों में भी। इस समस्या को हल करने के लिए आजकल मोबाइल फोन पर कई ऐप विकसित किए गए हैं। इन ऐप्स की मदद से महिलाएं संकट की स्थिति में पीड़ितों से संपर्क कर सकती हैं और समय रहते पुलिस की मदद भी ले सकती हैं।
इसी अवधारणा के आधार पर लीफ वेयरेबल्स, एक भारतीय कंपनी ने पेंडेंट नेकलेस विकसित किया है। इस नेकलेस में लगे पेंडेंट में साउंड रिकॉर्ड करने के साथ-साथ वीडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा है। इस हार के माध्यम से किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से संपर्क करना भी संभव होगा। यह हार न केवल दूसरों को मदद का संदेश देगा बल्कि महिला की लोकेशन को समझने में भी मदद करेगा।
‘ओमीक्रॉन’ नाम पर शुरू हुआ विवाद
इन नेकलस का विभिन्न प्रायोगिक स्तरों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। विभिन्न भवनों, सार्वजनिक वाहनों और यहां तक कि निर्जन क्षेत्रों में नेकलस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। नेकलस बनाने वाली कंपनी लीफ वेयरेबल्स को महिला सुरक्षा एक्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, और इस सुरक्षा नेकलस को और विकसित करने के लिए मिलियन का पुरस्कार दिया गया है। एक सर्वे के मुताबिक भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि सामान्य तौर पर, पांच में से कम से कम एक महिला किसी न किसी रूप में संकट का सामना कर रही है। हालाँकि हाल के दिनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय कानूनी व्यवस्था को कड़ा किया गया है, लेकिन भारत में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा अभी भी एक बड़ा मुद्दा है।