बजट सत्र का दूसरा चरण आज यानी 13 मार्च से शुरू हो गया है । जो 6 अप्रैल तक चलेगा और इस दौरान 17 बैठकें होंगी। सत्र की शुरुआत के पहले ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि यह बजट सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है। जो सत्र की शुरुआत की पहली बैठक में ही सच होता नजर आ रहा है। जहाँ केंद्र सरकार और विपक्षियों बीच हुए विवाद के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है।
क्यों हो रहा हंगामा
सत्र के दौरान एक ओर जहाँ सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित कराने की रहेगी। वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल, गैर बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर सरकार को घेरने का काम करेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक को पारित करने की है। साथ ही इस सत्र के इस चरण में रेलवे, पर्यटन, पंचायती राज, संस्कृति और स्वास्थ्य सहित कई मंत्रालयों से जुड़ी अनुदान की मांगों पर चर्चा की जाएगी। जिस वजह से बजट सत्र का यह चरण काफी अहम माना जा रहा है, लेकिन राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए बयानों सहित विपक्षी दलों के नेताओं के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस तरह सीबीआई और ईडी सक्रिय रही है, उससे पार्टियों के बीच सियासी हलचल मची हुई है। हालांकि बजट सत्र का यह चरण काफी अहम माना जा रहा है, लेकिन राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए बयानों सहित विपक्षी दलों के नेताओं के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस तरह सीबीआई और ईडी सक्रिय रही है, उससे पार्टियों के बीच सियासी हलचल मची हुई है।
शांतिपूर्ण संचालन की अपील
सत्र के शुरू होने के एक दिन पहले 12 मार्च को सभापति जगदीप धनखड़ ने सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। जिसमें यह कहा गया तय किया गया था कि सत्र के दौरान सदन में नियम और प्रक्रियाओं का पालन किया जायेगा। साथ ही सभी से सदन के शांतिपूर्ण संचालन में सहयोग की अपील भी की गई। बैठक में सदन में व्यवधान को रोकने के तरीकों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के विचार मांगे।
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्षी दल
कांग्रेस पार्टी सत्र के इस चरण में पूरी तरह सरकार को घेरने में लगी हुई है।आज संसद की बैठक से पहले राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुबह ही संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। आगे यह देखना है की कांग्रेस की इस बैठक के पर आम आदमी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति का क्या रुख अपनाते हैं । रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को एक कर कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरना चाहती है इसके लिए यह बैठक बुलाई गई थी। बैठक के दौरान खड़गे विपक्षी पार्टियों को अपनी ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इससे पहले खड़गे ने कहा था, “हम आज (संसद में) बेरोजगारी, महंगाई और ED-CBI के छापेमारी के मुद्दों को उठाएंगे। कर्नाटक में 40% भ्रष्टाचार है, वहां पर उनका विधानसभा सदस्य रंगे हाथ पकड़ा गया लेकिन उन्हें छूट है और यहां 25-30 साल पुराने केस ढूंढ कर विपक्ष के सदस्यों को परेशान कर रहे हैं।”