गाजियाबाद। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान रविवार 12 जुलाई को तमाम गतिविधियों के साथ मेडिकल स्टोर को छोड़ अन्य स्थानों पर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बंद रहीं। गाजियाबाद जिले के अंतर्गत संजय नगर के जागृति विहार में किराना के कई दुकानदारों के चालान कर दिए गए। यहां तक कि एक दुकानदार को हिरासत में लेकर चौकी तक लाया गया। रविवार को किराने की दुकाने बंद होने से लोगों को जरूरत का सामान नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ा।
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने शुक्रवार रात 10 बजे से प्रदेश भर में वश्यक वस्तु, मेडिकल सेवा के अलावा कुछ इंडस्ट्रीज को छूट देते हुए संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया था। सोमवार 13 जुलाई की सुबह पांच बजे तक चलने वाले इस लॉकडाउन की पहली सुबह यानी शनिवार को जरूरत का सामान लेने के लिए घर से निकलने वाले लोग निराश होकर लौटे। दिशा-निर्देश में साफ होने के बावजूद आवश्यक वस्तु के तहत आने वाली किराना व सब्जी की दुकानें बंद थीं। व्यापारियों से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस ने जबरन दुकानें बंद कराई हैं। इस बारे में प्रशासन की ओर से कोई बयान नहीं आया। यही, हाल रविवार 12 जुलाई की सुबह का भी रहा। शासन के आदेश की ताक पर पुलिस की मनमानी चली।
सेक्टर-23 संजय नगर में कुछ दुकानें खुलने के बाद कई दुकानों का चालान कर दिया गया। वहीं चौकी के ठीक बराबर में शनिवार को जहां रंग-रोगन पेंट्स व किराने की दुकान पुलिस की मर्जी से खुली रहीं। राजनगर सेक्टर-10, विजय नगर, प्रताप विहार, पटेल नगर में भी कुछ दुकानें खुली, लेकिन शहर के अधिकांश हिस्से में सभी तरह की दुकानें बंद रहीं। लोगों को लॉकडाउन लागू होने की खबर एक दिन पहले सरकार की ओर से जारी बयान के आधार पर मिल गई थी, लेकिन किसी ने जरूरत का सामान खरीदने में किसी तरह की आपाधापी नहीं दिखाई। उन्हें मालूम था कि लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान के लिए किराना व सब्जी की दुकानें खुलेंगी। अधिकांश शहर में इन दुकानों के नहीं खुलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
हालांकि, प्रशासन की ओर से इनके खोलने के आदेश थे, लेकिन पुलिस ने जबरन इन्हें बंद कराया। आवश्यक वस्तु अधिनियम से जुड़ी दूध, ब्रेड, किराना, परचून की दुकानों को खोलने का आदेश है। यदि कोई इन्हें बंद करा रहा है तो यह गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी।