कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में लंबित 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला करार दिया है। उन्होंने कहा, “अगर सरकार न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा। व्यापम घोटाला साल 2013 में मध्य प्रदेश में सामने आया था, जो भर्ती से जुड़ा हुआ था। इसमें जांच बढ़ी तो कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। शिवराज सरकार पर कई तरह के आरोप भी लग चुके हैं।”
प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा, “69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं। मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।”
69000 शिक्षक भर्ती घोटाला उप्र का व्यापम घोटाला है। इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना – ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं। 1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
सूबे के परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी किया गया था। 6 दिसंबर से 20 दिसंबर 2018 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसके बाद 6 जनवरी 2019 को परीक्षा हुई थी। लेकिन कटऑफ अंक के विवाद को लेकर मामला कोर्ट में पहुंच गया। इस पर 6 मई को कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए काउंसलिंग शुरू कराई। कुछ अभ्यर्थी चार प्रश्नों को गलत बताते हुए फिर कोर्ट चले गए।
कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए 12 जुलाई सुनवाई की तारीख तय की है। इससे पहले प्रियंका ने लिखा था- शिक्षक भर्ती में जिस तरह से गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं वे चौकाने वाले हैं। ये गड़बड़ियां पूरी व्यवस्था पर ही प्रश्नचिन्ह हैं। उप्र के युवाओं का भविष्य रौंदा जा रहा है। सरकार इन गड़बड़ियों से जुड़े सारे तथ्य सामने लाए ताकि युवाओं की मेहनत बेकार न जाए और भर्तियों की सही प्रणाली विकसित हो।