उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के नोटिस भेजने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर आयोग पर तंज कसा और अक्रामक अंदाज में ट्वीट किया, “जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।”
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
अपने ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा, “.. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।”
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
दरअसल, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी को नोटिस भेज कर उनसे कानपुर के बालिका गृह को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी का तीन दिन के अन्दर खण्डन करने को कहा है। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर समय से खण्डन न किया गया तो बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2005 की धारा-13 की उपधारा-1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत उचित कार्यवाही की जाएगी।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर विशेष गुप्ता कहा, “बालगृह में 171 बालिकाएं निरुद्ध हैं। इन्हें पॉक्सो एक्ट के तहत कानपुर, एटा, आगरा, कन्नौज और फिरोजबाद की बाल कल्याण समिति ने सुरक्षा एवं सरंक्षण के लिए बालगृह कानपुर भेजा था। इनमें से अब तक 63 संक्रमित मिल चुकी हैं। लेकिन प्रियंका ने सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने जेजे एक्ट का उल्लंघन कर अपने फेसबुक पर भ्रामक व असत्य पोस्ट लिखी है। यदि तीन दिन के भीतर खंडन नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।”
बता दें कि प्रियंका ने लिखा था कि आगरा में कोरोना से मृत्युदर दिल्ली और मुंबई से भी अधिक है। यहां कोरोना से मरीजों की मृत्यदर 6.8 फीसदी है। यहां कोरोना से जान गंवाने वाले 79 मरीजों में से कुल 35 फीसदी यानी 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर हुई है। इसके बाद उन्होंने कहा कि ‘आगरा मॉडल’ का झूठ फैलाकर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन हैं? मुख्यमंत्रीजी 48 घंटे के भीतर जनता को इसका स्पष्टीकरण दें और कोविड मरीजों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही बनाएं।