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पीएम मोदी ने किसान कल्याण सम्मेलन में कहा, मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी

केंद्र सरकार के लिए किसान आंदोलन बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार इसे बखूबी महसूस कर रही है कि किसान कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। फिर भी वह उन्हें मनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक मैदान में आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘किसान कल्याण सम्मेलन’ में मध्य-प्रदेश के किसानों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम देश के 23,000 गांवों और मध्य प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों में दिखाया गया। रायसेन में आयोजित राज्‍यस्‍तरीय मुख्‍य कार्यक्रम में मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को ये विश्वास दिलाता हूं कि पहले जैसे MSP दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी, MSP न बंद होगी, न समाप्त होगी। पिछली सरकार के समय गेहूं पर MSP थी 1400 रुपए प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल गेहूं पर 1975 रुपए MSP दे रही है। पिछली सरकार के समय धान पर MSP थी 1310 रुपए प्रति क्विंटल। हमारी सरकार प्रति क्विंटल धान पर करीब 1870 रुपए MSP दे रही है।

उन्होंने आगे कहा कि ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार MSP समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है। MSP बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी MSP पर की जाए। पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा था। हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3000 लाख मिट्रिक टन धान किसानों से MSP पर खरीदा है। कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है। नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा।

कान्ट्रैक्ट फार्मिंग पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों को लेकर तीसरा बहुत बड़ा झूठ चल रहा है फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर। देश में फार्मिंग एग्रीमेंट क्या कोई नई चीज है,नहीं। हमारे देश में बरसों से फार्मिंग एग्रीमेंट की व्यवस्था चल रही है। अभी किसी ने मुझे एक अखबार की रिपोर्ट भेजी 8 मार्च 2019 की। इसमें पंजाब की कांग्रेस सरकार, किसानों और एक मल्टीनेशनल कंपनी के बीच 800 करोड़ रुपए के फार्मिंग एग्रीमेंट का जश्न मना रही है। पंजाब के किसान की खेती में ज्यादा निवेश हो, ये हमारी सरकार के लिए खुशी की ही बात है। फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है। जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है।

भाषण के अंतिम चरण ने पीएम ने कहा कि मेरी इस बातों के बाद भी, सरकार के इन प्रयासों के बाद भी, अगर किसी को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, हाथ जोड़कर, बहुत ही विनम्रता के साथ, देश के किसान के हित में, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुददे पर बात करने के लिए तैयार हैं। अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा। उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जाएगी

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