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जन औषधि दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए जनता से रूबरू

जन औषधि दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए जनता से रूबरू

आज जन औषधि दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि केंद्रों के लाभार्थियों को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। पीएम ने देशभर में मौजूद जन औषधि केंद्रों से फायदा लेने वाले लोगों से विस्तार से बातचीत की। जनऔषधि सप्ताह 1 से 7 मार्च के बीच मनाया जाता है।

इस दौरान शनिवार को कोरोना वायरस पर उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया नमस्ते की आदत डाल रही है, अगर किसी कारण से हमने ये आदत छोड़ दी है तो हाथ मिलाने के बजाय इस आदत को फिर से डालने का ये उचित समय है। मैं आपसे अपील करता हूं कि किसी अफवाह पर यकीन न करें। यदि कोई भी संशय है तो डॉक्टर से परामर्श लें।”

इस दौरान उन्होंने कहा, “यह उनसे जुड़ने का दिन, जिन्हें इस योजना से लाभ मिला।” उन्होंने आगे कहा कि यह दिन किसी योजना को सेलिब्रेट करने का ही नहीं बल्कि ऐसे लाखों भारतीयों, परिवारों से जुड़ने का दिन है, जिन्हें इस योजना से राहत मिली है।

इसी दौरान भारतीय जनऔषधि परियोजना का लाभ पाने वाली दीपा शाह भावुक हो गई, जब मोदी से बातचीत कर रही थीं। उस महिला को देख प्रधानमंत्री भी भावुक हो गए।

अभी देशभर में 728 में से 700 जिलों में जनऔषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं। फिलहाल 6200 जनऔषधि केंद्रों के जरिए कई बीमारियों की दवाएं और चिकित्सा उपकरण मुहैया करवाए जाते हैं।

संबोधित करने से पूर्व मोदी ने ट्वीट किया था, “मैं ऐसे तमाम लोगों से बातचीत के लिए उत्साहित हूं, जिन्हें किफायती दामों में दवाइयां मिलीं। ऐसे स्टोर मालिक जो आत्मनिर्भर बन गए। यही वजह है कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना खास है।”

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की बनी जेनेरिक दवाओं की पूरी दुनिया में डिमांड है। हर अस्पताल के लिए सरकार ने जेनेरिक दवाएं लिखना आवश्यक कर दिया है। निर्देश दिए गए है कि कुछ विशेष परिस्तिथियों के अलावा डॉक्टर्स जेनेरिक दवाएं ही लिखें। मेरा आप सभी लाभ पा रहे लोगों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें। इससे जन औषधि का लाभ ज्यादा मरीजों तक पहुंच सकेगा।

किडनी की मरीज जो पुणे से थीं जब उन्होंने मोदी से सवाल किया तो पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो मैं आपकी बेहतर सेहत की कामना करता हूं। आपकी बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं। एक हजार से अधिक जरूरी दवाइयों की कीमत नियंत्रित होने से मरीजों के 12,500 करोड़ रुपये बचे हैं। स्टेंट्स और नी-इम्प्लांट्स की कीमत कम होने से लाखों मरीजों को नया जीवन मिला है।

पीएम ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का भी उल्लेख करते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जो नई व्यवस्थाएं बनी हैं, उनसे इस प्रकार की सुविधाओं में और तेजी आएगी। पहले केंद्र की योजनाओं को वहां लागू कर पाना बहुत मुश्किल होता था, लेकिन अब ये अड़चनें हट गई हैं।

साथ ही उन्होंने कहा, बीते डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व तेजी से विकास का काम चल रहा है। इस दौरान साढ़े 3 लाख से ज्यादा साथियों को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है, 3 लाख बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को सरकार की पेंशन योजना से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि जहां तक स्वास्थ्य सुविधाओं की बात है, तो वहां दो एम्स और दूसरे मेडिकल कॉलेज पर भी काम तेजी से चल रही है। जम्मू-कश्मीर के विकास में आ रही ये तेजी अब और बढ़ने लगी है। अब सही मायने में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना वहां जमीन पर उतर रही है

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