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कोरोना रोकने में प्रभावी साबित हो रहा प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘आरोग्य सेतु ऐप’

कोरोना रोकने में प्रभावी साबित हो रहा प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट 'आरोग्य सेतु ऐप'

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित करते हुए ‘सात बात-आपके साथ’ कही। इन सात बातों का अनुसरण करने की लोगों को सलाह देते समय उन्होंने जो चौथी बात कही वह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वह थी आरोग्य सेतु ऐप को ज्यादा-से-ज्यादा अपने अपने मोबाइल में इंस्टाल करना। 11 भाषाओं में तैयार किए गए इस मोबाइल ऐप की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

गत 2 अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जान है जहान है अभियान के साथ ही आरोग्य सेतु ऐप ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। जिसका परिणाम बहुत बेहतरीन आ रहा है। इस ऐप के जरिए लोगों को कोरोना संक्रमण के फैलने को रोकने में बहुत मदद मिल रही है। इसकी लोकप्रियता को इससे जाना जा सकता है कि इसके लांच होने के चार दिन में इस ऐप का प्रयोग करने वालों की संख्या एक करोड़ हो गई।

जबकि रेल मंत्रालय के 13 लाख कर्मचारियों को जोड़ा जा चुका है। तो वहीं दूसरी तरफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा संस्थानों से जुड़े सभी लोगों, छात्रों और शिक्षकों को भी आरोग्य सेतु ऐप इंस्टाल करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने भी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी जवानों को ऐप इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्विटर पर एप्पल के सीईओ टिम कुक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को टैग करते हुए लिखा है कि भारत कोविड-19 के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जिसे उपयोगकर्ता की जानकारी गोपनीय रखे जाने के लिहाज से डिजायन किया गया है। हमें खुशी है कि आरोग्य सेतु की तर्ज पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए एप्पल और गूगल मिलकर इस तरह की ऐप विकसित कर रहे हैं।

यह ऐप कोरोनावायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने और उसकी जानकारी सामान्य लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह खास ऐप आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में भी मदद करता है। जब इस ऐप को डाउनलोड किया जाता है तो डाउनलोड किए जाने के बाद यह ऐप पूछता है कि क्या आपको खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी आदि है। यदि आपको ऐसी कोई समस्या नहीं है तो आप ग्रीन जोन में रहेंगे।

इसके बाद यह ऐप ब्लूटूथ और लोकेशन को ऑन रखने को कहता है। जब भी आप किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाते हैं, यह ऐप ब्लूटूथ से आसपास के मोबाइल से संदेश लेता देता रहता है। मजे की बात यह है कि जब आप किसी के पास खड़े हैं और पास खड़ा व्यक्ति भी ग्रीन जोन वाला नार्मल व्यक्ति ही है पर अगर वह व्यक्ति आज से 10 दिनों बाद किसी कारण से कोरोना पॉजिटिव हो जाएगा तो यह ऐप आपको तुरंत सतर्क कर देगा।

ऐसे में आप अपनी जांच सुनिश्चित करवा सकते हैं। यह ऐप आपको हॉट स्पॉट की सूचना भी दे देगा। ताकि आप रास्ता बदल सके। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यह एप लांच किया है। ‘आरोग्य सेतु’ नाम का यह ऐप प्रत्येक भारतीय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए डिजिटल इंडिया से जुड़ा हुआ है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो यह अत्याधुनिक ऐप ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी, तकनीक, गणित के सवालों को हल करने के नियमों की प्रणाली अलगोरिद्म और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए, दूसरों के साथ उनकी बातचीत के आधार पर इसकी गणना भी करेगा।

उधर, आरोग्य सेतु ऐप का उदाहण देते हुए विश्व बैंक ने दो दिन पूर्व एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि बड़े पैमाने पर आबादी को शिक्षित करने और संक्रमण को ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं। विश्व बैंक की दक्षिण आर्थिक केंद्रीत रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार की निगरानी के लिए डिजिटल तकनीकों का भी उपयोग किया जा सकता है। इस तरह की पहल, मोटे तौर पर स्वैच्छिक, पूर्वी एशिया में महामारी से निपटने में मदद करने में सफल रही है।

रिपोर्ट में आगे लिखा है कि कोरोना लक्षणों की रिपोर्ट करने वालों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है। भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च की है जो उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन की लोकेशन का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं को यह बताती है कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति के पास हैं, जिसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

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