कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए या फिर उसे भगाने के नाम पर हमारे देश में तरह-तरह के अंधविश्वास अपनाए जा रहे हैं। कभी गौमूत्र का सेवन करने से कोरोना ठीक होता है का भ्रम फैलाया गया तो कभी गोबर लगाने से संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने का दावा किया गया। तो कभी शराब पीने से ठीक होने की बात कही गई। इस अफवाह को फैलाने में आम आदमी के अलावा कई बीजेपी के दिग्गज नेता भी तरह-तरह के नुस्खे लेकर आते रहे हैं। कोरोना भगाने वाले कई अंधविश्वास की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों पहले एक 16 साल की लड़की ने कोरोना से गांव को बचाने के लिए शिवलिंग पर अपनी जीभ अर्पित कर दिया। लेकिन अब ये अंधविश्वास नरबलि देने तक पहुंच गया है। ओडिशा के कटक जिले के नरसिंहपुर में एक पुजारी ने कोरोना वायरस भगाने के लिए एक इंसान की बलि दे दी।
खबरों के मुताबिक, मंदिर परिसर के अंदर एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। स्थानीय पुलिस ने हत्या में शामिल हथियारों को जब्त कर लिया है और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पुलिस ने जब आरोपी पुजारी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। पुजारी का कहना है कि क्षेत्र को कोरोना मुक्त बनाने के लिए उसने भगवान के आदेश पर ये नरबलि दी है।
पुजारी का कहना है कि उसके सपने में भगवान आए थे और उन्होंने ही आदेश दिया था कि कोरोना से निपटने के लिए वह एक नरबलि दे। इसके बाद ही कोरोना वायरस का संकट थमेगा। इसलिए हमने उसी का पालन किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी पुजारी का नाम संसारी ओझा है और उनकी उम्र 72 वर्ष है।
हालांकि, इस पूरे मामले में एक दूसरा एंगल भी निकल कर सामने आया है। एसपी कटक राधा विनोद के मुताबिक, पुरानी ने प्रतिद्वंद्विता के चलते अंधविश्वास का सहारा लेकर इस हत्या को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
कोरोना संकट टालने के नाम पर जिस व्यक्ति की बलि दी गई उसकी पहचान सरोज कुमार प्रधान के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि मंदिर में बलि को लेकर मृतक के साथ पुजारी की बहस हुई थी। जब दोनों के बीच बहस काफी आगे बढ़ गई तो उसने सरोज कुमार प्रधान को धारदार हथियार से हत्या कर दिया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी पुजारी और मृतक सरोज प्रधान के बीच लंबे समय से आम के बागीचे को लेकर झगड़ा था। और उसने कोरोना थामने के नाम पर दी गई नरबलि का सहारा लेकर अपना यह स्वार्थ साधा है।
पुलिस डीआईजी सेंट्रल रेंज आशीष कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी घटना के वक्त शराब के नशे में था। सुबह जब नशा उतरा तो उसने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। ऐसा लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार है।