[gtranslate]
Country

किसान महापंचायतो के ज़रिए पायलट की ‘ पावर रिगेन ‘ की तैयारी

एक महीने में यह तीसरा मौका है जब आज राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जयपुर में किसान महापंचायत करेंगे। एक तरह से देखा जाए तो सचिन पायलट की यह किसान महापंचायत उनकी ‘पावर रिगेन’ की तैयारी है । पायलट अपनी पावर को हाईकमान के समक्ष दिखाना चाहते हैं । 2 दिन पहले जिस तरह से सचिन पायलट को राहुल गांधी की रैली में मंच से उतारा गया उससे वह और उनके समर्थक खफा हैं ।

राहुल गांधी के राजस्थान दौरे ने दोनों की दूरियां और बढ़ा दी थी। राहुल के किसान पंचायत में गहलोत समर्थकों ने पायलट को मंच पर चढ़ने तक नहीं दिया। आग में घी का काम किया है। एक कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के करीबी प्रमोद कृष्णम ने कहा कि गहलोत अब वसुंधरा से लड़े पर वे तो पायलट से लड़ रहे हैं। उन्होंने गहलोत को दिल बड़ा करने की भी सलाह तक दे डाली।

कांग्रेस के मंच से उतारे जाने के बाद ही सचिन पायलट ने 19 फरवरी यानी कि आज के दिन जयपुर में किसान महापंचायत करने की घोषणा कर दी थी।हालांकि कांग्रेस में अंदरखाने चल रही चर्चाओं की माने तो किसान सम्मेलन के बहाने सचिन पायलट लोगों का समर्थन जुटाकर आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

हालांकि इस महापंचायत में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी निमंत्रण दिया है। लेकिन दोनों का ही आना मुमकिन नहीं लग रहा है। फिलहाल सचिन पायलट इन किसान रैलियों के जरिए अपनी शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। वह अपने ही पार्टियों के विधायकों के साथ किसान महापंचायत करके दिखा देना चाहते हैं कि आज भी किसान बिरादरी के बीच वह उतना ही लोकप्रिय हैं जितने डिप्टी सीएम रहते हुए रहा करते थे ।

पायलट कैंप की ओर से अब तक तीन किसान सम्मेलन आयोजित किए गए हैं। इससे पहले 5 फरवरी को दौसा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था उसके बाद 9 फरवरी को भरतपुर में किसान सम्मेलन आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया गया था। वहीं अब आज चाकसू में किसान सम्मेलन के जरिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है।

सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शीत युद्ध पिछले साल से चल रहा है। जब सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया था। उसके बाद सचिन पायलट पर कांग्रेस हाईकमान द्वारा कार्रवाई की गई। जिसमें उनसे डिप्टी सीएम के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

याद रहे कि पिछले साल तक सचिन पायलट राजस्थान में डिप्टी सीएम थे। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे। वे राहुल और प्रियंका गांधी के सबसे करीबी समझे जाते थे। लेकिन गहलोत के ख़िलाफ़ बग़ावत के बाद पायलट से सब कुछ छीन गया। उनके किसी भी समर्थक को न तो सरकार में जगह मिली और न ही पार्टी में।

उस दौरान अलोक गहलोत ने पायलट को जींस पहनने वाला और अंग्रेज़ी बोलने वाला बेवक़ूफ़ नेता तक कह दिया था। प्रियंका के बीच बचाव के बाद पायलट कांग्रेस में बने तो रहे, लेकिन अब उनकी हालत बिना सेना के सेनापति जैसी हो गई है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD