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बिहार के सैकड़ों गरीब बाहर फंसे हुए हैं पर नीतीश कुमार को सुध नहीं: प्रशांत किशोर

बिहार के सैकड़ों गरीब बाहर फंसे हुए हैं पर नीतीश कुमार को सुध नहीं: प्रशांत किशोर

कोरोना वायरस के कारण पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया। कोरोना संक्रमण का केस अब तक 633 से अधिक हो गया है। वहीं इससे 12 लोग की मौत हो गई है। ऐसे रोजगार ढूंढने के लिए लोग एक जगह से दूसरे जगह जाते है। ऐसे में बिहार से ताल्लुक रखने वाले हजारों लोग दूसरे प्रदेशों में भी गए हैं। इसी पर जनता दल यूनाइटेड के पूर्व उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिल्ली और अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को मदद के लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राहत नहीं पहुंचाने का आरोप लगाते हुए लिखा, “शेम ऑन नीतीश कुमार।” उन्होंने आगे अपने ट्वीट में लिखा, “दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं। नीतीश कुमार जी, जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इन लोगों को इनके घरों तक पहुंचाने अथवा जहां ये लोग हैं वहीं कुछ फ़ौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है?”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे एलान किया कि पूरा देश 21 दिनों तक लॉकडाउन रहेगा जिसके बाद से बिहार के रहने वाले कई लोग दूसरे जगहों पर फंसे हुए हैं। वे लोगों घर लौटना चाहते हैं लेकिन सारे यातायात की सुविधाएं बंद हैं। बिहार सरकार ऐसे लोगों के लिए किसी भी तरह की कोई कवायद करती नहीं दिख रही है।

लॉकडाउन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जो जिस शहर में हैं फिलहाल वहीं बने रहे। क्योंकि कोरोना वायरस एक-दूसरे से ट्रांसमिशन के जरिए फैलता है। इसलिए इसमें एहतियात बरतनी जरूरी है। लेकिन दूसरे प्रदेशों में बिहार से पलायन करने वाले अधिकतर मजदूर वर्ग से आते हैं।

नीतीश सरकार ने 23 मार्च को लॉकडाउन के सभी नगर निकाय, क्षेत्र एवं प्रखंड मुख्यालय के पंचायतों में स्थित राशन कार्ड धारी परिवारों को 1000 रुपए प्रति परिवार देने का निर्णय लिया गया था।

लेकिन देशभर में लॉक डाउन की स्थिति और अवधि को बढ़ाए जाने के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब राज्य के सभी राशन कार्ड धारी परिवारों को एक हजार की राशि प्रति परिवार दी जाएगी।

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