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प्रकाश करात ने कहा, यदि 10 और राज्य NPR का विरोध करें तो यह खत्म हो जाएगा

नागरिकता कानून और एनआरसी के लगातार विरोध के चलते भी केंद्र सरकार द्वारा एनपीआर को मंजूरी दे दी गई है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही है। इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता प्रकाश करात का एक बड़ा बयान सामने आया है।
दरअसल , मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता प्रकाश करात ने 26 दिसंबर ,बृहस्पतिवार को नागरिकता कानून में संशोधन के विरोध में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि “केरल और पश्चिम बंगाल की तरह अगर 10 और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने वादे पर टिके रहे और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का काम रोक दें तो एनपीआर को लेकर केंद्र की योजना ‘दफन’ हो जाएगी। ” 
 केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में एनपीआर का काम रोकने के आदेश देने का जिक्र करते हुए करात ने कहा, ‘अब तक 12 राज्यों ने घोषणा की है कि वे एनपीआर नहीं होने देंगे। केरल और पश्चिम बंगाल ने जो किया है, दस और मुख्यमंत्रियों को करना होगा।’
उन्होंने कहा ,”नरेंद्र मोदी सरकार संविधान पर त्रिशूल प्रहार करने वाली है। पहला नागरिकता संशोधन कानून है ,दूसरा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर है और तीसरा राष्ट्रीय नागरिक पंजी है। तीनो आपस में जुड़े है हैं। तीनों एक ही पैकेज के हैं और इन्हें अलग-अलग नहीं किया जा सकता।”
साथ ही करात द्वारा कहा गया कि नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन के कारण भाजपा समझ गई है कि एनआरसी लागू करने में सावधानी बरतनी होगी। यही कारण है कि भाजपा पैंतरेबाजी कर रही है और दावा कर रही है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है।

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