जस्टिस जीआर स्वामानाथन ने चार्ल्स के हलफनामे को रिकॉर्ड करते हुए कहा कि यदि वह इस एक साल में सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हुए पाए गए तो अभियोजन पक्ष उनकी अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए अदालत का रुख कर सकता है। जस्टिस स्वामीनाथन ने निर्देश दिया कि उन्हें न्यायालय में एक माफीनामा जमा कराना होगा।
एक महीने पहले चार्ल्स ने फेसबुक पर जब प्रधानमंत्री की तस्वीर से छेड़छाड़ कर पोस्ट की तो उसके अगले ही दिन भाजपा नेता नानजिल राजा ने वडेसरी पुलिस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद यह मामला न्यायालय पहुंचा और उन्हें अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा।
जेबिन चार्ल्स ने अपने बचाव में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कही गई बात याद दिलाई कि पब्लिक फोरम पर अपनी राय रखना कोई अपराध नहीं है। हालांकि, चार्ल्स ने अपनी इस पोस्ट पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इस पोस्ट को तुरंत ब्लॉक कर दिया था क्योंकि उन्हें एहसास हो गया था कि प्रधानमंत्री का अपमान सही नहीं है। उन्होंने कहा कि वह तस्वीर को लेकर स्थानीय अखबार में माफीनामा जारी करने के लिए तैयार हैं। उनके खिलाफ 11 अक्तूबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।