देश में इस समय कोरोना महामारी का संकट छाया हुआ है। ज्यादातर स्थानों पर अभी भी कोरोना के पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। लेकिन इसी दौरान कोरोना महामारी के साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं।
मतलब यह है कि यह बीमारी जहां लोगों को तन को बीमार कर रही है, वहीं बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका मन मस्तिष्क भी बीमार हो चुका है। ऐसी बीमार मानसिकता वाले लोग समाज में नकारात्मकता उत्पन्न कर रहे हैं। कोरोना बीमारी को सांप्रदायिक रूप दे दिया जा रहा है।
जिसका कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक ने यह कहकर राजनीतिकरण कर दिया था कि मुस्लिमों से कोई सब्जी न खरीदें। इस भाजपा विधायक के ऐसे बेतुके बयान की काफी निंदा हुई थी।
यही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने विधायक को नोटिस भी दे दिया था। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी पहुंची थी। उन्होंने भी इस मामले पर सख्त एतराज करते हुए एक अपील जारी की थी।
अपील में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसा कृत्य करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने देश में सांप्रदायिकता का माहौल बनाए रखने की अपील भी की थी। लेकिन लगता है कि शायद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का कुछ लोगों पर असर नहीं हो रहा है।
शायद यही वजह है कि मध्यप्रदेश में कुछ असामाजिक तत्वों ने एक गांव में पोस्टर लगा दिए है। गांव में यह विवादास्पद पोस्टर फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। पोस्टर में लिखा है कि गांव में मुस्लिम व्यापारियों आना मना है।
यह मामला मथ्य प्रदेश के इंदौर के पेमलपुर गांव का है। यहां लोगों ने गांव में पोस्टर लगा दिए। इनमें लिखा था कि गांव में मुस्लिम व्यापारियों का प्रवेश निषेध है। यह पोस्टर गांव में शनिवार 2 मई को लगाए गए थे। इस मामले में इंदौर के डीआईजी हरिनारायणचारी ने मीडिया को बताया कि जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली, पोस्टर हटवा दिए गए है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर, विपक्ष ने इस मामले में शिवराज सरकार की घेराबंदी कर दी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पोस्टर को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इस बाबत उन्होंने दो ट्वीट किए हैं।
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि क्या यह कृत्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपील के विरुद्ध नहीं है? क्या यह कृत्य हमारे कानून में दण्डनीय अपराध नहीं है? मेरे ये प्रश्न मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और मप्र पुलिस से है। समाज में इस प्रकार का विभाजन-बिखराव देशहित में नहीं है।
इसके बाद जब मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया तो दिग्विजय सिंह ने एक दूसरा ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि धार्मिक उन्माद फैला कर कोरोना से नही लड़ा जा सकता है। कोरोना वायरस धर्म नहीं पहचानता।