मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच कोर्ट ने अपना फैंसला सुना दिया है विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की सभी दलीलों को नामंजूर करते हुए कोर्ट उन्हें 24 घंटे का समय दिया है। अब एनपी प्रजापति को 24 घंटे के भीतर बागी विधायकों के फाईल पर फैसला करना होगा।
दरअसल, कोर्ट का ये फैसला 16 विधायकों के इस्तीफे से जुड़ा है। विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति पर इल्जाम है कि वे जिन 16 विधायकों ने पिछले दिनों इस्तीफा दिया था उसे वे न तो मंजूर कर रहे हैं और न ही नामंजूर कर रहे हैं। फाइल दबाकर बैठे हैं।
The #SupremeCourt on Thursday said it is not inclined to create a situation by giving two weeks' time to Speaker #NPPrajapati to decide on the resignations of 16 rebel #Congress MLAs from #MadhyaPradesh, as this gap period could become a 'gold mine' for horse-trading. pic.twitter.com/yYZE7daxXi
— IANS Tweets (@ians_india) March 19, 2020
एनपी प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए दो सप्ताह का समय मांगा था जिसे उसने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि फ्लोर टेस्ट के लिए ज्यादा समय देना उचित नहीं है। अगर अधिक समय दिया गया तो हॉर्स ट्रेडिंग होगी।
प्रजापति ने कोर्ट को बताया कि जिन विधायकों ने इस्तीफा सौंपा है उन्होंने उनके समक्ष आकर त्यागपत्र नहीं दिया बल्कि उन्होंने पत्र भाजपा नेताओं के जरिए करवाया। फिर उनके इस दलिल पर कोर्ट ने विकल्प दिया कि प्रजापति चाहें तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से बात कर सकते हैं।
एक तरफ कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति को 24 घंटे का समय दिया है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की याचिका को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज हो जाने का एक अर्थ यह भी है कि बेंगलुरु में विधायक न तो किसी दबाव में है और न ही बंधक बनाए गए हैं।
दिग्विजय सिंह मंगलवार को बेगलरु एक रिसॉर्ट में रुके कांग्रेस के 16 विधायकों से मिलने पहुंचे। लेकिन उनको पुलिस ने रिसॉर्ट से बाहर ही उन्हें रोक दिया और बागी विधायकों से नहीं मिलने दिया था। उसके बाद वे अपने साथ आए 10 कांग्रेस नेताओं के साथ धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट ने याचिका लगाई थी कि उन्हें विधायकों से मिलने का आदेश दिया जाए। जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया।