राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के लिए मनोनीत किया है। लेकिन इसको लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है। राष्ट्रपति के फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला समेत कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं।
औवेसी ने राष्ट्रपति के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया, “क्या यह इनाम है? लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल है।” उन्होंने इसके साथ गृह मंत्रालय एक दस्तावेज भी साझा किया है।
Is it “quid pro quo”?
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
कांग्रेस ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने ट्वीटर एक फोटो शेयर किया और लिखा है, “यह तस्वीर सब बयां करती है।”
The Pictures say it all! pic.twitter.com/6oSutHSy8A
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 16, 2020
कांग्रेस नेता सजय झा ने भी रंजन गगोई को राज्यसभा नियुक्त किए जाने पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया। नो कमेंट्स।”
वहीं कांग्रेस नेता सजय झा ने भी रंजन गगोई को राज्यसभा नियुक्त किए जाने पर ट्वीट करते हुए लिखा, “रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया। नो कमेंट्स।”
Ranjan Gogoi nominated to Rajya Sabha.
No comments.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) March 16, 2020
दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंधवी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा (सुभाष चंद्र बोस ), तुम मेरे हक़ में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा।
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा | (सुभाष चंद्र बोस )
तुम मेरे हक़ में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें #राज्यसभा सीट दूंगा | ( #भाजपा ) #RanjanGogoi #ChiefJusticeofIndia #RajyaSabha— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) March 16, 2020
भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी रंजन गोगोई की राज्यसभा सदस्यता पर नाराजगी जताई है। उन्होंने अपने ट्विटर अकांउट से ट्वीट करते हुए लिखा, “मुझे आशा है कि रंजन गोगोई की समझ अच्छी है। इसलिए वो इस ऑफर को न कह देंगे, नहीं तो न्याय व्यवस्था को गहरा धक्का लगेगा।
I hope ex-cji Ranjan Gogoi would have the good sense to say 'NO' to the offer of Rajya Sabha seat to him. Otherwise he will cause incalculable damage to the reputation of the judiciary.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 16, 2020
By accepting the RS nomination Ranjan Gogoi has driven the last nail in the coffin of an independent judiciary in India. Shame, shame. Modi hai to sambhav hai.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 17, 2020
बता दें कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 13 महीनों का रहा है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुल 47 फैसले सुनाए हैं। रामजन्म भूमि का फैसला भी उन्हीं की अध्यक्षता में आया था।