जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने एक कार्यक्रम के दौरान एक ऐसा बयान दिया कि उस पर अब राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल जब से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया है तब से जम्मू-कश्मीर के नेता केंद्र की मोदी सरकार पर अपने बयानों के जरिये लगातार हमला बोल रहे है। महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा कि ”आज घाटी में युवाओं के पास नौकरी नहीं है, इसलिए उनके सामने हथियार उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आज आतंकी कैंप में भर्तियां बढ़ने लगी हैं”। “अनुच्छेद 370 डोगरा संस्कृति को बचाने के लिए वहां गया था ताकि यह कहीं गायब न हो । चाहे देश का झंडा हो या जम्मू-कश्मीर का झंडा, यह हमें संविधान ने दिया था। उन्होंने कहा, उन्होंने (भाजपा) हमसे वह झंडा छीन लिया “।
उन्होंने आगे कहा कि “आज उनका (भाजपा का) समय है, कल हमारा आएगा । उनकी स्थिति भी ट्रंप जैसी ही होगी। सीमाएं खुलनी चाहिए । जम्मू-कश्मीर दोनों देशों के बीच शांति का सेतु बन गया। हमारा झंडा हमें वापस दे दो। हम मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर को टुकड़ों में काट दिया गया है। हमने इन ताकतों पर काबू पाने के लिए हाथ मिलाया है”।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व नेता फारुक अब्दुला ने भी धारा 370 को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला था। फारुक अब्दुला ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि “चीन के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को लागू किया जाएगा।