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बिहार चुनाव में कई पॉपुलर चेहरे हारे तो कई जीते

बिहार में एक बार फिर बीजेपी  और जदयू गठबंधन ने कमाल कर दिया है। हालांकि रोमांचक मुकाबले में जहां तेजस्वी यादव सबसे बड़े नेता के रुप में ऊभरे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निचले पायदान पर खिसके। चुनाव में कई पॉपुलर चेहरे थे जिनके ऊपर लोगों की नजरें टिकी थी, लेकिन कुछ को चुनाव में करारी हार मिली तो कुछ ने  अच्छा प्रदर्शन किया। नई उम्मीदों से जनता के बीच उतरें वाली प्यूरल्स पार्टी की संस्थापक पुष्यम प्रिय चौधऱी ने बिहार की दो सीटों पर चुनाव लड़ा पहली बिस्फी और दूसरी बांकीपुर से, दोनों सीटों पर पुष्यम प्रिय को करारी हार मिली, इतना ही नहीं उनकी जमानत तक जब्त हो गई है। शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन हार गए। लव सिन्हा को बीजेपी के नितिन नबीन ने 35000 हजार वोटों से हराया।

राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे, पिछली बार भी तेजस्वी ने भाजपा के सतीश कुमार 22 हजार वोटों से हराया, इस बार भी सतीश कुमार को तेजस्वी ने 38174 वोटों से हरा दिया। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने हसनपुर सीट से चुनाव लड़ा और काफी अच्छे मतों से जीत हासिल की। तेजप्रताप ने जदयू के राजकुमार को हराया। 2015 के विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप पहली बार महुआ सीट से विधायक बने थे। हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है। जीतन  राम मांझी ने खुद इमामगंज से चुनाव लड़ा, और उन्होंने राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी ने को हराया। बाहुबली नेता और जनअधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। हालांकि चुनाव से पहले पप्पू यादव की मधेपुरा में काफी चर्चा रही, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। पप्पू यादव किसी समय लालू के सबसे खास नेताओं में गिने जाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाई और चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन जेडीयू के निखिल मंडल और पप्पू यादव को बड़े मार्जिन से हराया है।

विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP के संस्थापक मुकेश सहनी को हार का मुंह देखना पड़ा। राजनीति में आने से पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर रहे हैं। 2015 के चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। 2015 में खुद की पार्टी बनाई। बता दें इस बार बिहार चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता पर काबिज हुई है, आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन को 110 सीटें मिली। कांग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले काफी निराशजनक रहा, इस बार कांग्रेस को 19 सीटें ही मिली, लेकिन चुनाव 70 सीटों पर लड़ी थी। वहीं बीजेपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, इस बार बीजेपी ने 74 सीटों पर कब्जा किया। और दूसरे बिहार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर ऊभरी। अब देखना होगा की कौन बनेगा बिहार का मुख्यमंत्री, क्योंकि आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली में भाजपा कार्यालय में मीटिंग करेंगे, उसके बाद ही बिहार सीएम का चेहरा चुना जाएगा।

चंद्रिका रॉय लालू यादव के समधी हैं। लेकिन नवंबर 2018 में तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय के बीच तलाक की अर्जी दाखिल होने के बाद दोनों परिवार के रिश्तों में खटास आ गई। इसके बाद चंद्रिका राय राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। चंद्रिका 2015 में राजद के टिकट से जीते थे। उन्होंने लोजपा के छोटे लाल राय को 42,335 वोटों से हराया था। इस बार भी छोटे लाल राय से मुकाबला है, लेकिन इस बार छोटे लाल राजद के उम्मीदवार हैं। परसा से आरजेडी के प्रत्याशी छोटेलाल राय ने जदयू प्रत्याशी चंद्रिका राय को हराया है। अनंत सिंह बाहुबली नेताओं की गिनती में इनका नाम सबसे ऊपर आता है। अंनत ने जदयू के राजीव लोचन को 35757 वोटों से हराया। वे लगातार पांचवी बार विधायक बने है। अनंत सिंह पिछले चुनाव के वक्त भी जेल में थे और इस बार भी जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह के ऊपर, सबसे ज्यादा, 38 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव कांग्रेस की तरफ से बिहारीगंज सीट से मैदान में थी। लेकिन हार हाथ लगी। शरद यादव जदयू के अध्यक्ष रहे हैं, साथ ही लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। निरंजन ने 2015 में भाजपा के रविंद्र चरण यादव को 29,253 वोटों से हराया था। चेतन आनंद ने जदयू के शरफुद्दीन को 36686 वोटों से हराया। चेतन पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। चेतन महिषी से विधायक और शिवहर से लोकसभा सांसद रहे आनंद मोहन के बेटे हैं। आनंद मोहन फिलहाल डीएम की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं। वहीं चेतन की मां और आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा से उम्मीदवार थीं, उन्हें बीजेपी के आलोक रंजन ने 19679 वोटों से हराया।

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